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महाराजा सूरजमल कुशल प्रशासक,दूरदर्शी व कूटनीति के धनी सम्राट थे-मनोज तेवतिया


हापुड़(अमित मुन्ना)।
राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के चंडी रोड स्थित रामकिशन मार्केट कैंप कार्यालय पर महाराजा सूरजमल जी के 258 वे बलिदान दिवस पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें संगठन से जुड़े लोगों ने अपने विचार रखे वह बलिदान दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया।

राष्ट्रीय जाट संरक्षण समिति के प्रदेश अध्यक्ष युवा मनोज तेवतिया ने बताया कि महाराजा सूरजमल जी का जन्म 13 फरवरी 1707 में हुआ था उनके पिता का नाम राजा बदन सिंह था महाराजा सूरजमल कुशल प्रशासक,दूरदर्शी व कूटनीति के धनी सम्राट थे महाराजा सूरजमल जी ने सन 1733 में भरतपुर रियासत की स्थापना की थी सूरजमल जी ने भरतपुर के डींग में अभेद लोहागढ़ किले का निर्माण करवाया जिसे मुगल शासक व 13 बार आक्रमण करने के बाद भी अंग्रेज उसको भेद नहीं पाए यह देश का एकमात्र किला है जो हमेशा अभेद रहा उस समय भरतपुर रियासत का विस्तार सूरजमल जी की वजह से भरतपुर के अतिरिक्त धौलपुर,आगरा,मैनपुरी,अलीगढ़, हाथरस,इटावा,मेरठ,रोहतक, मेवात,रेवाड़ी,गुड़गांव,मथुरा तक पहुंच गया था अपने जीवनकाल में वह कभी कोई युद्ध नही हरे और अंत मे हर महान योद्धा की तरह महाराजा सूरजमल को भी वीरगति का सुख समर भूमि में प्राप्त हुआ 25 दिसंबर 1763 को नवाब नजीबुद्दौला के साथ हिंडन नदी के तट पर घूमते हुए छल युद्ध में सूरजमल जी वीरगति को प्राप्त हुए विचार गोष्ठी के अंत में सभी ने महाराजा सूरजमल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किए व एक सप्तहा तक बलिदान दिवस को शौर्य दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया।
मनोज तेवतिया,सुनील चौधरी, नवीन चौधरी, योगेश जाखड़, जाखड़,अक्षय,जियालाल,सागर अनंत अमन,संजय तेवतिया, जितेंद्र सिंह,मनोज बाना,सुचिर मलिक, आर्यन चौधरी आदि युवाओं ने चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धासुमन श्रदांजलि दी।

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