भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और दानवीर कर्ण के शिक्षक भी भगवान परशुराम थे -विजय त्यागी
हापुड़। नरेंद्र त्यागी के अर्जुन नगर के आवास पर परशुराम जयंती मनाई गई विजय कुमार त्यागी कार्यकारी जिलाध्यक्ष राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने सभी को भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव की बहुत-बहुत बधाई और शुभकामनाएं दी।
ओम दत्त त्यागी ने बताया कि साथियों जैसा कि हम सभी इस बात से अवगत हैं की गुणों के आधार पर व्यक्ति की पहचान होती है और व्यक्ति के गुणों से उनके पूर्वजों का पता चलता है हम सभी धन्य हैं कि हमें मनुष्य का जीवन मिला है और मनुष्यता को अच्छी तरह जानते हैं हम सभी के अंदर जो गुण और संस्कार हैं उन्हें पहचाने और आपस में एकजुट रहें।
कार्यकारी जिलाध्यक्ष विजय कुमार त्यागी ने बताया कि भगवान परशुराम जी का जीवन बहुत ही संघर्षरत था परंतु वह कभी भी उनसे विचलित नहीं हुए। जीवन में जो दृढ़ निश्चय कर लिया। उस पर अडिग रहे चाहे। फिर उस पर उनको हार क्यों ना मिली हो। भीष्म पितामह, गुरु द्रोणाचार्य और दानवीर कर्ण के शिक्षक भी भगवान परशुराम थे शिक्षा देने में उन्होंने कभी भी भेदभाव नहीं किया। वेदों के ज्ञाता और शस्त्र चलाने में उन जैसा कोई नहीं था भगवान श्रीराम को उन्होंने दिव्य धनुष दिया और श्री कृष्ण जी को उन्होंने सुदर्शन चक्र दिया और यह संदेश दिया कि न्याय की लड़ाई लड़ने वालों का हमेशा समर्थन और सहायता करनी चाहिए तथा अन्याय, अधर्म और असुर प्रवृत्ति के लोगों का विरोध हमेशा करना चाहिए। और अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए कभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए।और अपने बड़ों का हमेशा आदर करना चाहिए।
इस मौकें पर नरेंद्र त्यागी ,ओम दत्त त्यागी ,हरिओम त्यागी, विजय कंसल और विजय कुमार त्यागी आदि मौजूद थे।
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