भाजपा विधायक और पालिका बोर्ड आमनें सामनें,विधायक के विरुद्ध की नारेबाजी, डीएम से मिलें,तीन सदस्यीय टीम गठित
हापुड़/गढ़मुक्तेश्वर ।
क्षेत्रीय भाजपा विधायक द्वारा विधानसभा सत्र में लगाए गए आरोपों को पूरी तरह निराधार एवं राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए पालिका बोर्ड ने डीएम से मुलाकात की। विधायक पर अपनी निधि के कार्यों में धांधली करने के साथ ही एक पालिका ठेकेदार पर फर्जी ढंग में भुगतान कराने के प्रयास का आरोप भी लगाया।
गढ़मुक्तेश्वर पालिका बोर्ड से जुड़े पच्चीस सभासदों समेत सत्तापक्ष के नामित सदस्य मंगलवार को पालिकाध्यक्ष सोना सिंह के नेतृत्व में हापुड़ के कलेक्ट्रेट परिसर में पहुंचे। जिन्होंने क्षेत्रीय भाजपा विधायक कमल मलिक के विरुद्ध नारेबाजी एवं काफी देर तक धरना प्रदर्शन किया। बोर्ड सदस्यों ने डीएम से भेंट करते हुए आरोप लगाया कि क्षेत्रीय भाजपा विधायक कमल मलिक ने हाल ही में विधान सभा सत्र के दौरान पालिका के विकास कार्यों में धांधली होने का आरोप लगाकर शिकायत की थी। जिसके आधार पर जिला प्रशासन ने एसडीएम के नेतृत्व में समिति का गठन कर जांच का आदेश दिया है। बोर्ड सदस्यों ने दावा किया कि विधायक द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह निराधार एवं बेबुनियाद हैं, जो पूरी तरह राजनीतिक द्वेष भावना से प्रेरित हैं। बोर्ड सदस्यों ने कहा कि पालिका क्षेत्र में जो भी विकास कार्य कराए गए हैं, वे क्षेत्र की जनता की मांग को देखते हुए पूरी तरह गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराए गए हैं। बोर्ड सदस्यों ने आरोप लगाया कि क्षेत्रीय विधायक ने अपनी विकास निधि से कराए गए कई कार्य अपनी निजी स्वार्थ पूर्ति के उद्देश्य से कराए गए हैं, जिनसे जनहित को कोई लाभ नहीं पहुंचा है। बोर्ड सदस्यों ने आरोप लगाया कि विधायक निधि से एक विवाह मंडप के बाहर समेत कई गैर आबादी वाले क्षेत्रों में सड़क बनवाने के साथ ही ब्रजघाट गंगा आरती के फंड में हिस्सा की मांग भी की गई थी, जिसका बोर्ड द्वारा कड़ा विरोध करने पर पेशबंदी में मनगढ़ंत आरोप लगाए गए हैं। बोर्ड सदस्यों ने विधायक निधि के विकास कार्यों में हुए भ्रष्टाचार की जांच एवं कार्रवाई कराए जाने की मांग की। इसके अलावा बोर्ड सदस्यों ने पालिका ठेकेदार सुनील त्यागी ने अपना भुगतान न मिलने की शिकायत को भी निराधार बताया। बोर्ड सदस्यों ने आरोप लगाया कि ठेकेदार ने जलकल विभाग एवं निर्माण कार्यों में निर्धारित मानक की बजाए बेहद घटिया किस्म वाली निर्माण सामग्री का उपयोग किया था। जिसके कारण भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पाया है। बोर्ड सदस्यों ने ठेकेदार ने किए गए कार्यों की जांच के लिए पालिका स्तर से समिति का गठन करने के संबंध में जानकारी देते हुए प्रशासनिक स्तर से भी समिति गठित करने की मांग रखी।
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