भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित रजत महोत्सव में हो रही है भव्य रास-लीला, भजनों पर झूमे रसिक जन

भगवान श्री जगन्नाथ रथ यात्रा सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित रजत महोत्सव में हो रही है भव्य रास-लीला, भजनों पर झूमे रसिक जन
हापुड़ ।
पटेल नगर स्थित रास-स्थली में भव्य रास-लीला का आयोजन हुआ ।
वृन्दावन धाम से फतेह कृष्ण शास्त्री की मंडली द्वारा ठाकुर जी की बाल लीलाओं के साथ साथ कालिया नाग लीला का मंचन हुआ ।
कंस ने बाल्यकाल से ही भगवान श्रीकृष्ण को मारने के लिए पूतना सहित अनेक असुरों को भेजा ।
जिन सभी का श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं द्वारा उद्धार कर दिया।
श्रीकृष्ण ने अपने बाल ग्वाल सखाओं के साथ अनेक लीला रचीं।
एक बार वे सभी यमुना किनारे खेल रहे थे ।
खेलते-खेलते उनकी गेंद यमुना जी में उस जगह चली जहां विशालकाय कालिया नाग का राज था ।
कहा जाता है कि जो भी यमुना जी में जाये तो कालिया नाग उसे वापिस नाय आने देवे ।
भगवान श्रीकृष्ण अपनी गेंद लाने के लिए यमुना जी में कूद जाते हैं जिससे पूरे ब्रज में हाहाकार मच जाता है।
कुछ समय पश्चात् ही ठाकुर जी ने यमुना जी में अपनी लीला रची और कालिया नाग स्वयं अपने फन पर बैठाकर ठाकुर जी को बाहर छोड़ने आता है तब ठाकुर जी उसको ब्रज छोड़ने को आदेश देते हैं और उसे श्राप देते हैं कि ब्रज छोड़ने से पहले जहां भी तुम पीछे मुड़कर देखोगे, वहीं पत्थर के हो जाओगे ।
आदतवश कालिया नाग ने भागते-भागते मथुरा के पास जैत ग्राम में पीछे मुड़कर देख लिया और वह पत्थर का हो गया ।
आज भी जैत ग्राम में कालिया नाग के पत्थर रूप में दर्शन प्राप्त होते हैं
*ठाकुर जी की भव्य बाल लीला मंचन देखकर उपस्थित भक्तगण आनन्दित हो गये और जय जयकार करने लगे ।*
उत्सव में हरिओम अग्रवाल, गोपाल शर्मा, अरूण अग्रवाल, अंशुल मित्तल, संजय गुप्ता, संजीव, गोपाल, सुशील गोयल, संजय, अरविंद, अरूण, दिनेश, अनुराग, जीतू, वैभव, अजय, सौरभ सर्राफ, दयानन्द आदि का विशेष सहयोग रहा ।