फेफड़ों के लिए सबसे घातक है कोरोना. ये चीजें न खाएं respiratory system को स्वस्थ बनाएं
नोएडा: कोरोना की दूसरी लहर बेहद घातक है, वायरस इतना शक्तिशाली हो गया है कि महत्वपूर्ण अंगों पर खतरनाक अटैक कर रहा है. इसके सबसे ज्यादा दुष्प्रभाव फेफड़ों पर देखे जा रहे हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक जब तक मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखते हैं तब तक कोरोना करीब 25% फेफड़ा डैमेज कर चुका होता है. इसीलिए फेफड़ों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी है. हम आपके लिए विशेष लेख लेकर आए हैं, जिसकी मदद से आप अपने फेफड़ों को स्वस्थ्य बना सकते हैं.
फ्रिज के ठंडे पानी को कहें ना
गर्मियों के मौसम में ठंडे पेय पदार्थ सभी को अच्छे लगते हैं, मगर ये आपके respiratory system (श्वसन तंत्र) को नुकसान पहुंचाते हैं. फ्रिज का ठंडा पानी पीने से गले में जकड़न हो सकती है और इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, इसीलिए डॉक्टर नॉर्मल या फिर गुनगुना पानी पीने की सलाह देते हैं. संक्रमण के इस दौर में तो ये बेहद जरूरी भी है.
सॉफ्ट ड्रिंक से बनाएं दूरी
कोल्ड ड्रिंक में कोई पोषक तत्व नहीं होते, इसमें सिर्फ चीनी और ढेर सारी कैलोरी होती है. इसे पीने से वजन बढ़ता है और पेट में ब्लोटिंग होती है. इन्हें पीने से गले में खराश हो सकती है. इसलिए जब भी आपको प्यास लगे तो सिर्फ पानी ही पिएं.
गैस्टिक वाली सब्जियां नुकसानदेय
गैस और ब्लोटिंग उन लोगों के लिए मुश्किल पैदा कर सकते हैं जिन्हें लंग्स यानि सांस की बीमारी हो. गोभी, ब्रोकोली, मूली और फूलगोभी जैसी सब्जियों में पोषक तत्वों और फाइबर तो भरपूर होते हैं लेकिन अगर इन्हें खाने से अगर आपके पेट में गैस बनती है, तो इन्हें कम खाएं
तली हुई चीजों से करें परहेज
तली हुई चीजें पेट में ब्लोटिंग पैदा कर सकती हैं, जिसकी वजह से सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है. तला हुआ खाना खाने से मोटापा भी बढ़ सकता है और इससे फेफड़ों पर दबाव बढ़ता है. तले हुए खाद्य पदार्थ हेल्दी नहीं होते हैं. ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाते हैं, जिससे हार्ट अटैक का भी खतरा बढ़ जाता है
ज्यादा डेयरी उत्पाद भी ठीक नहीं
सभी जानते हैं कि दूध पौष्टिक होता है, इसमें कैल्शियम होता है जो हमारे शरीर के लिए पोषण देता है, लेकिन दूध में कैसोमोर्फिन तत्व भी होता है, जो आंतों में बलगम बढ़ाने के लिए जाना जाता है. फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों के लिए डेयरी उत्पाद अच्छे नहीं माने जाते. क्योंकि ये बीमारी के लक्षणों को और भी बढ़ा देते हैं. इसीलिए इनका कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है.
नमक कम खाने की आदत डालें
चटपटा खाना काफी लोगों को पसंद होता है, मगर क्या आप जानते हैं कि ज्यादा नमक आपके फेफड़ों की सेहत पर भारी पड़ सकता है. नमक से वॉटर रिटेंशन की समस्या पैदा हो सकती है, जो सांस लेने में समस्या पैदा कर सकती है, इसीलिए नमक का सेवन कम करना चाहिए. हालांकि अपना आहार बदलने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें.
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