प्रयागराज का फाफामऊ कांड में आम आदमी पार्टी ने की दरिंदों को फांसी की सजा देनें की मांग,राज्यपाल को सौंपा ज्ञॉपन
हापुड़। प्रयागराज का फाफामऊ कांड में आम आदमी पार्टी ने की दरिंदों को फांसी की सजा देनें की मांग करते हुए राज्यपाल को ज्ञॉपन सौंपा।
राज्यपाल को सौंपे ज्ञॉपन में कहा गया कि योगी सरकार में वंचित, शोषित समाज और गरीब तबके के खिलाफ दरिंदगी, हैवानियत और गुंडागर्दी की खुली छूट मिली है। 24 नवंबर को प्रयागराज के फाफामऊ में घटी घटना इसका ताजा प्रमाण है। जब भाजपा पूरे देश में संविधान दिवस मनाने की नौटंकी कर रही थी, तब समाज के अंतिम व्यक्ति को संविधान प्रदत्त सम्मानपूर्वक जीने के अधिकार का गला घोंटते हुए एक दलित परिवार के चार लोगों की नृशंस हत्या कर दी गई। इसमें दंपति सहित उसका एक मूक-बधिर बेटा और नाबालिग बेटी भी शामिल है। बेटी की हत्या से पहले उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म भी हुआ। यह पूरी घटना योगी सरकार, प्रशासन और पुलिस की लापरवाही का परिणाम है। योगी सरकार जातीय विद्वेष से काम कर रही है।
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने फाफामऊ जाकर पीड़ित परिवार से मुलाकात की, परिवार के लोगों ने बताया कि पीड़ित परिवार को 2019 से ही प्रताड़ित किया जा रहा था। तब मारपीट के एक मामले में बड़ी मुश्किल से पीड़ित परिवार की ओर से एफआईआर दर्ज कराई जा सकी थी। इस मामले में दो साल बाद भी अब तक पुलिस ने चार्जशीट नहीं फाइल की। इसी परिवार को 2020 में फिर पीटा गया। सितंबर 2021 में फिर इस परिवार के साथ इसी तरह की घटना घटी। हफ्ता भर गिड़गिड़ाने के बाद मामले में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 24 नवंबर को घटी वीभत्स घटना के पहले तक परिवार न्याय की गुहार लगाता रहा और अंततः नृशंस तरीके से उसे मौत के घाट उतार दिया गया।
प्रयागराज का फाफामऊ कांड हाथरस से भी भयानक, भयावह और वीभत्स है। दिवंगत परिवार के मुखिया के भाई फौजी हैं और देश की सेवा करते हैं। उनकी पत्नी भी इस घटना से डरी हुई हैं। उनका कहना है कि पति घर पर रहते नहीं हैं, ऐसे में उनके साथ भी ऐसी जघन्य वारदात हो सकती है। दरअसल, यह सरकार जातीय विद्वेष से काम कर रही है। योगी की पुलिस जाति देखकर तय करती है कि किसे न्याय दिलाना है और किसी दौड़ाना
है। बलिया में जयप्रकाश की हत्या, हाथरस की बेटी का मामला, प्रभात मिश्रा का एनकाउंटर, मनीष वर्मा हत्याकांड, इंद्रकांत त्रिपाठी का मर्डर, अरुण वाल्मीकि और जितेंद्र श्रीवास्तव की पुलिस हिरासत में मौत की घटनाओं से योगी सरकार की कानून व्यवस्था बद से बदतर स्थिति में पहुंच चुकी है।
उक्त प्रकरण पर आम आदमी पार्टी मांग करती है कि पीड़ित परिवार के परिजनों को सुरक्षा दी जाए, पूरे प्रकरण की फास्ट ट्रैक कोर्ट बना कर सुनवाई की जाए और जिन लोगों ने दरिंदगी से हत्या की है उनको फांसी की सजा दी जाए।
इस मौकें पर मयंक सोलंकी, टीकाराम उपाध्याय, उदयवीर शर्मा, रोहतास, बिजेंद्र, आजाद, जोगेंद्र दास, ऋषिपाल सैनी, नरेंद्र कोठैल, मुस्लिम कुरैशी, जसमीत सिंह, मनोज गुप्ता आदि मौजूद रहे।
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