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धौलाना औधोगिक क्षेत्र की समस्या – योगी जी एक नजर इधर भी डाल दो, उघमियों ने सीएम को भेजा ज्ञापन

धौलाना।संजीव वशिष्ठ।
धौलाना का ओधोगिक क्षेत्र आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहा है । कोई सुविधा नही मिलने से यहा से काफी उधमी पलायन कर चूके है । और काफी करने की तैयारी में है । स्थानीय प्रशासन पूरी तरह पंगू साबित है तो वही जिला प्रशासन सिर्फ बैठकों तक सीमित है । उधमियों की समस्या का कोई ठोस निदान नही होता । धौलाना ओधोगिक क्षेत्र कमेटी अध्यक्ष पंडित एन एन मिश्रा ने मुख्यमन्त्री योगी जी को भेजे ज्ञापन में बताया की धौलाना ओधोगिक क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से घिरा है। प्रशासनिक अधिकारियों के सामने अपनी समस्या का मूद्दा प्रमुखता से उठाया । लेकिन नतीजा सिफर ही रहा । एन एन मिश्रा के मुताबिक पूर्व की तरह इस बार भी प्रशासन ने आश्वासन का झुनझुना थमा दिया गया । जिससे हर रोज धौलाना ओधोगिक क्षेत्र से उधोग पलायन कर जाता है । मुख्यमन्त्री को भेजे ज्ञापन में एन एन मिश्रा द्वारा बताया गया की मसूरी गुलावठी रोड पर खिचरा गांव से मसूरी तक पूरी तरह से अतिक्रमण हो चुका है । दूसरी तरफ एनएच हाईवे से जाने वाले टैक्स बचाने के लिए मसूरी धौलाना से होकर निकलते हैं । जिसके चलते मसूरी धौलाना गुलावठी रोड पर पूरी तरह से जाम रहता है । जिसमे उधमियों के आने वाले माल वाहक वाहन फसे रहते है । वही पिपलैडा में पिछले 1 साल से सड़क पर ही शुक्रवार को मार्केट लगने लगी है
। जिसके कारण उधमियों के वाहन जाम में फंसे रहते है । सड़क पर लगने वाले इस बाजार को तत्काल प्रभाव से बन्द कराया जाये । एन एन मिश्रा के मुताबिक नालियों की सफाई ना होने के कारण पानी सड़क पर आ जाता है जिसके कारण सड़क बार-बार टूट जाती है । जमा पानी इंडस्ट्री एरिया में आकर बड़े तालाब का रूप ले लेता है । जिसका रास्ता हसनपुर की तरफ किया जाए । लेकिन आज तक प्रशासन द्वारा कोई ठोस समाधान नही किया गया । यूपीएसआईडीसी ने टूटी हुई सड़कें जिसकी लागत 16 करोड़ का स्टीमेट सड़क में नाला बनाने के लिए किया गया था । लेकिन पास नहीं हो पाया । सड़कों की मरम्मत ओं के लिए 3 करोड़ स्वीकृत किए गए हैं । जिसे क्षेत्र की समस्या समाप्त नहीं हो सकती । तेज गति राशि ₹13 करोड़ स्वीकृत किए जाएं। यूपीएसआईडीसी को कई बार लाइट सड़क का एनुअल मेंटिनेस के लिए आवेदन किया गया लेकिन 5 साल में एक बार मेंटेनेंस होता है जबकि सालाना मेंटेनेंस ₹8 प्रति मीटर से बढ़ाकर ₹24 प्रति वर्ग मीटर कर दिया गया संगठन इसका विरोध करता है बिजली सप्लाई की कुछ तारे जर्जर हो चुकी हैं । जिस को बदलने का स्टीमेट 2 साल से चल रहा है लेकिन आज तक पास नहीं हो पाया । जिसके कारण पूरे दिन में तार जोड़ने के लिए दो-तीन घंटे का शट डाउन हो जाता है । पानी की निकासी कोको कोला के सामने से अलग निकालकर के नाले में डाला जाए । हर साल 5 से 7 तक फैक्ट्री जलकर स्वाह हो जाती हैं लेकिन कई सालों से संगठन प्रशासन को अवगत कराता रहा लेकिन अभी तक दमकल के लिए स्टेशन नहीं बन पाया । ओधोगिक क्षेत्र कई सालों से अंधेरे में डूबा हुआ है लेकिन कोई भी स्ट्रीट लाइट नहीं चल पा रही है । आज तक औधोगिक क्षेत्र में एक राष्ट्रीय बैंक की स्थापना तक नही हो पाई है । मुख्यमन्त्री के हापुड़ आगमन पर उधमी इस समस्या को प्रमुखता से उठाएंगे ये तय नजर आ रहा है । ओधोगिक कमेटी के अध्यक्ष एन एन मिश्रा ने इन सभी समस्याओं को लेकर मुख्यमन्त्री महोदय को ज्ञापन भी भेजा गया है ।

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