धमकी भरे पत्र में शहाबुद्दीनपुर की किसान चौपाल का है जिक्र
लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं शर्मनाक और अफसोसजनक: नकवी
लखीमपुर खीरी। धमकी भरे पत्र मिलने के मामले में पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने बताया कि लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं शर्मनाक और अफसोस जनक हैं। उन्होंने बताया कि निजी सचिव की जानकारी पर मामले में रिपोर्ट दर्ज करवा दी गई है।
पूर्व सांसद जफर अली नकवी ने फोन पर बताया कि वह तो आवामी आदमी हैं। जनता के हित में बोलना उनका काम है। बकौल जफर अली नकवी, उनके सभी पार्टी के लोगों से भी अच्छे रिश्ते हैं। वह मामले की एफआईआर भी नहीं कराना चाहते थे, लेकिन कुछ शुभचिंतकों की राय पर यह कदम उठाया।
उन्होंने कहा कि वह किसान हित में बोलते रहेंगे और विपक्ष के खिलाफ बोलना उनका काम है। उन्होंने बताया कि वह सीएम योगी और पीएम मोदी को भी आदरणीय कहकर बोलते हैं। उन्होंने ऐसे पत्र को अफसोसजनक और हास्यास्पद बताया। धमकी के बाद डर लगने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी सुरक्षा सरकार ने पहले ही ले ली है, लेकिन इसको भी वह इससे नहीं जोड़ते। मामले में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है, बाकी प्रशासन जाने।
धमकी भरे पत्र में इस सभा का है जिक्र
पूर्व सांसद के निजी सचिव हर्षित श्रीवास्तव ने बताया कि धमकी भरे पत्र में 21 फरवरी को गोला के शहाबुद्दीनपुर में हुई किसान चौपाल का जिक्र है, जिसमें जफर अली नकवी ने केंद्र सरकार के कृ षि कानून का विरोध किया था। उन्होंने कहा था कि किसान के साथ षड्यंत्र रचा जा रहा है और किसान देश की रीढ़ है, जिनका उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
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