दस्तक अभियान में जनपद में टीबी के 12 रोगी ढूंढ निकाले
संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत 12 से 24 जुलाई तक चलाया गया दस्तक अभियान
आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं ने पूरे जनपद में घर-घर जाकर की स्क्रीनिंग, लक्षण बताए
हापुड़, 26 जुलाई, 2021। एक जुलाई से शुरू हुए संचारी रोग नियंत्रण अभियान के अंतर्गत दस्तक अभियान के दौरान एएनएम, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर जाकर स्क्रीनिंग की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेखा शर्मा ने बताया इस दौरान फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स ने लोगों को कोविड, मलेरिया, डेंगू और वायरल बुखार के अलावा टीबी के लक्षणों की जानकारी दी और इन रोगों से बचाव के उपाय भी बताए। इस दौरान लक्षण पाए जाने पर लोगों की जांच भी कराई गई। जिला क्षय रोग अधिकारी डा. राजेश कुमार सिंह ने बताया 12 से 24 जुलाई तक चले दस्तक अभियान में स्वास्थ्य कर्मियों ने टीबी से मिलते जुलते लक्षण वाले 67 लोगों को स्पुटम जांच के लिए भेजा। स्पुटम जांच के दौरान इनमें से कुल 10 लोगों में टीबी की पुष्टि हुई। दो अन्य मरीजों में टीबी की पुष्टि क्लीनिकल जांच के दौरान हुई। सभी 12 टीबी रोगियों का तत्काल उपचार शुरू करा दिया गया है। इन सभी का निक्षय पोर्टल पर पंजीकरण भी कराया गया है।
जिला पीपीएम समन्वयक सुशील चौधरी ने बताया दस्तक अभियान से पूर्व अभियान में लगाए गए फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर्स को जिला क्षय रोग विभाग की ओर से ट्रेनिंग दी गई थी। उन्हें लक्षणों को लेकर एक प्रपत्र भी दिया गया था, उसी के आधार पर घर-घर गई टीमों ने लोगों से लक्षणों को लेकर सवाल किए और टीबी रोगियों को खोजने के लिए लोगों की स्क्रीनिंग की। उन्हें बताया गया कि यदि 15 दिन से अधिक खांसी रहे, बुखार रहता हो, रात में सोते समय पसीना आए और तेजी से वजन गिर रहा हो तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक से संपर्क करें और टीबी की जांच कराएं। साथ ही उन्हें यह भी बताया कि टीबी रोग सांस के जरिए फैलता है, इसलिए जांच में देरी होने से यह बीमारी परिवार के अन्य सदस्यों को भी चपेट में ले सकती है, लिहाजा तुरंत जांच कराएं और टीबी की पुष्टि होने पर घर के अन्य सदस्यों से अलग रहें। मॉस्क का प्रयोग करें।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में लगातार जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाता है। इसमें विभाग के कर्मचारी लोगों को टीबी के लक्षण और उससे बचने की जानकारी देते हैं। वह खुद भी जागरूकता कार्यक्रमों में लोगों को बीमारी के बारे में बताते हैं। उन्होंने बताया टीबी से संबंधित सभी जांच और उपचार निशुल्क उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है। पूरा व समय पर इलाज कराने पर यह बीमारी पूरी तरह खत्म हो जाती है, लेकिन इलाज शुरू करने के बाद इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिये, ऐसा करने से बीमारी और बढ़ जाती है।
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