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डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर ट्रेनों का किया ट्रायल, स्पीड देखनें को लगी भीड़

हापुड़।
डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (डीएफसीसी) पर शुक्रवार को आखिरकार लंबे इंतजार के बाद इंजन का सफल ट्रायल हो गया। खुर्जा से खतौली तक इंजन में बैठकर डीएफसीसी के मुख्य महाप्रबंधक और उनकी टीम के साथ-साथ निर्माण कार्य करने वाली कंपनी के अधिकारी मौजूद रहे। देर शाम करीब सवा छह बजे यह ट्रायल न्यू पिलखुवा में बनाए गए स्टेशन किल्होड़ा में पहुंचा जहां से सीधे मेरठ और वहां से खतौली के लिए रवाना हो गए।

इस ट्रायल को निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने सफल बताया है।
मालगाड़ियों का अलग से ट्रैक बनाने के लिए केंद्र सरकार दो कारिडोर का निर्माण करा रही है। खुर्जा से सहारनपुर तक एलएंडटी कंपनी की ओर से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। खुर्जा से खतौली तक करीब 134 किलोमीटर लंबे इस कारिडोर पर निर्माण कंपनी की ओर से सभी काम को पूरा कर लिया था। जिसके बाद 31 मार्च को इस ट्रैक पर ट्रायल करने की तिथि निर्धारित की गई थी।

शुक्रवार शाम डीएफसीसी के मेरठ जोन के मुख्य महाप्रबंधक अनिल कालरा, मुख्य सुरक्षा सलाहकार आशीष चंद्रा, टीम लीडर फारूकी अहमद, परियोजना प्रबंधक विक्रम कोहली. एके सिंह, एलएंडटी कंपनी के प्रबंधक गुरविंदर सिंह, उप मुख्य परियोजना प्रबंधक राकेश बाबू, और आरके सिंह के अलावा मुख्य सुरक्षा प्रबंधक सचिन चौहान न्यू खुर्जा स्टेशन पहुंचे जहां से इंजन में बैठकर डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर ट्रायल शुरू किया गया। शाम के समय यह ट्रायल इंजन हापुड़ और पिलखुवा से गुजरते हुए मेरठ के लिए रवाना हुआ।

प्रबंधक एलएनटी गुरुविंदर सिंह ने बताया कि
ट्रायल पूरी तरह से सफल हुआ है। कुछ छोटी-छोटी खामियों पर अधिकारियों ने दिशा-निर्देश दिया है। जिन्हें जल्द से जल्द दूर कर लिया जाएगा। मुजफ्फरनगर- सहारनपुर के बीच भी युद्धस्तर पर काम शुरू है और जैसे ही वहां का काम पूरा हो जाता है। वहां पर भी ट्रायल करने के बाद मालगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा।

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