fbpx
ATMS College of Education
DelhiGarhGhaziabadHapurMeerutNewsPilkhuwaUttar Pradesh

ट्रांसफार्मर चोर मालामाल, ऊर्जा निगम हो रहा कंगाल, किसानों को झेलना पड़ रहा दंश

पुलिस प्रशासन की लापरवाही का दंश ऊर्जा निगम तो झेल ही रहा है बल्कि किसानों को भी झेलना पड़ रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक एक साल के अंदर ट्रांसफार्मर चोरों के गैंग पश्चिमांचल के 14 जनपदों में लगभग 17 करोड़ के 1576 ट्रांसफार्मर चोरी कर चुके हैं। लेकिन अधिकारी मौन बैठे हैं

गाजियाबाद, मेरठ व दिल्ली के बाजारों में ट्रांसफार्मर चोरी करने के बाद निकाले गए तांबे के तार व तेल के अच्छे दाम मिलने के बाद जहां ट्रांसफार्मर चोरों का गैंग मालामाल हो रहा है, वहीं ऊर्जा निगम करोडों का नुकसान झेल रहा है। आपको जानकर हैरानी होगी कि मात्र एक साल के अंदर ट्रांसफार्मर चोरों का गैंग पश्चिमांचल के 14 जनपदों में लगभग 17 करोड़ के 1576 ट्रांसफार्मर चोरी कर चुके है।

सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर 451 मेरठ से व उसके बाद बुलंदशहर से 210 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है, लेकिन पुलिस प्रशासन मुकदर्शक बना हुआ है। उधर ट्रांसफार्मर चोरी होने का दंश किसानों को भी झेलना पड़ रहा है, क्योंकि ट्रांसफार्मर चोरी होने के बाद कई-कई दिनों तक उन्हें ट्रांसफार्मर नहीं मिल पाता और उनकी टयूवबैल ठप पड़ी रहती है।

उल्लेखनीय है कि पश्चिमाचंल विद्युत वितरण निगम क्षेत्र में मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, हापुड, बुलंदशहर, गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल, बिजनौर और अमरोहा आदि 14 जिले आते है। पिछलें कुछ दिनों में इन जनपदों में ट्रांसफार्मर चोरी की घटना बढ़ी है। कारण यह भी है, क्याेंकि ऐसी घटनाओं के बाद पुलिस आसानी से मामला दर्ज नहीं करती है। जिस कारण ट्रांसफार्मर चोरों के गैंग के सदस्यों का हौसला बढ़ जाता है।

उधर रिपोर्ट के बिना ऊर्जा निगम को नया ट्रांसफार्मर नहीं मिलता, जिस कारण कई कई दिन तक ट्रांसफार्मर न बदले जाने से संबधित इलाकों की बिजली आपूर्ति बाधित रहती है। सबसे ज्यादा मेरठ में 451, उसके बाद बुलंदशहर में 210, इसके बाद मुरादाबाद में 167 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है, सबसे कम ट्रांसफार्मर रामपुर में 52, शामली व गाजियबाद में 55-55 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है। जिससे विभाग को काफी नुकसान पहुंचा है।

भारी-भरकम ट्रांसफार्मर को उठाने के लिए चाहिए मैन पावर

ट्रांसफार्मर का वजन काफी अधिक होता है। एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने के लिए काफी मैन पावर की जरूरत है। आमतौर पर एक एक ट्रांसफार्मर का वजन 5 से 6 क्विंटल तक होता है, ऐसे में इसे उठाने के लिए करीब 7 से 8 लोगों की जरूरत होती है, वहीं ट्रांसफार्मर को बिना बांधे उठाना कठिन है।

चुराए गए ट्रांसफार्मरों की कीमत लाखों में

एक 250 केवी के ट्रांसफार्मर में औसतन 400 किलो तांबा व 250 लीटर से अधिक ऑयल निकलता है। पुराने तांबे के तार की कीमत बाजार में 900 रुपये और ऑयल की कीमत डेढ़ सौ रुपये प्रतिलीटर है। बताया जाता है कि अधिकांश तांबे की क्वाइल को खरीदार पुराने रेट पर खरीद लेते हैं, जो ट्रांसफार्मर बनाने वाली निजी कंपनियों को बनी हुई क्वाइल में 12 सौ के रेट में बेच दी जाती है।

गाजियाबाद व दिल्ली में है मंडी

कुछ साल पहले बड़ौत कोतवाली पुलिस द्वारा पकड़े गैंग ने खुलासा किया था कि वह पहले वह ट्रांसफार्मर चोरी के बाद तांबे व ऑयल को मेरठ, दिल्ली व गाजियाबाद में बेचते थे। जहां पर उन्हें अच्छे दाम मिल जाते है।

ट्रांसफार्मरों की कीमत

आपको बता दे कि 10केवीए के ट्रांसफार्मर की कीमत 25072, 25केवीए के ट्रांसफार्मर की कीमत 56500, 63केवीए के ट्रांसफार्मर की कीमत 113000, 100केवीए ट्रांसफार्मर की कीमत 152320, 250केवीए के ट्रांसफार्मर की कीमत 576000, 400केवीए के ट्रांसफार्मर की कीमत 845000 है।

आपको बता दे कि 10 केवीए के 6 ट्रांसफार्मर , 25 केवीए के 921 ट्रांसफार्मर, 63केवीए के 433 ट्रांसफार्मर 100 केवीए के 141 ट्रांसफार्मर, 250 केवीए के 61 ट्रांसफार्मर, 400 केवीए के 14 ट्रांसफार्मर चोरी हुए है।

इस संबंध में ऊर्जा निगम मेरठ के टैक्निकल डायरेक्टर एसके परवार से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि यदि बात सहीं है कि चोर लगातार विभाग को नुकसान पहुंचाने के लिए ट्रांसफार्मर चोरी कर रहे है, पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की जरूरत हैै। रात्रि गश्त बढ़ाएं जाने से चोरी की घटनाओं पर जरूर अंकुश लगेगा।

सीओ सविरत्न गौतम का कहना है कि चोरी की घटना को बढ़ते देख सभी थानाध्यक्षों को रात्रि गश्त बढ़ाएं जाने के लिए निर्देशित किया गया है।

जनपद के नाम व ट्रांसफार्मर की संख्या

  • बागपत – 66
  • रामपुर – 52
  • बिजनौर – 98
  • बुलंदशहर – 210
  • नोएडा – 66
  • गाजियाबाद 55
  • हापुड 64
  • मुरादाबाद 167
  • अमरोहा 80
  • मेरठ 451
  • संभल 57
  • मुजफ्फरनगर 85
  • सहारनपुर 70
  • शामली 55

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
Show More
Back to top button

You cannot copy content of this page