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जिले में खराब व फंुके हुए मीटरों से चल रही बिजली, डिजिटल मीटर का स्टॉक भी खत्म

डिजिटल मीटर का स्टॉक छह महीने से खत्म, प्रीपेड मीटर मिलने का भी रास्ता साफ नहीं

हापुड़। ऊजा निगम में डिजिटल मीटरों का संकट बन गया है, दस हजार से अधिक घरों में फुंके मीटरों से ही सप्लाई दी जा रही है। अंधाधुंध बिजली फूंकने पर भी आरडीएफ के बिल बन रहे हैं। निगम कार्यालयों में शिकायती पत्र के अंबार लगे हैं, लेकिन छह महीने से मीटर नहीं बदले जा रहे हैं। वहीं, प्रीपेड मीटर का भी रास्ता साफ नहीं है। ऐसे में लोग कार्यालयों के चक्कर काटकर परेशान हो रहे हैं।

बिजली चोरी रोकने के लिए 95 फीसदी से अधिक उपभोक्ताओं के कनैक्शन पर मीटर से ही सप्लाई दी जा रही है। जिले भर में ऊर्जा निगम से जुड़े उपभोक्ताओं की संख्या करीब तीन लाख है। पश्चिमांचल के कई जिलों में प्रीपेड मीटर सर्विस भी शुरू होने जा रही है। लेकिन हापुड़ इस सुविधा से अभी कोसों दूर है। आलम यह है कि प्रीपेड मीटर तो दूर यहाँ डिजिटल मीटर की पूर्ति तक नहीं हो रही है। जिले के तीनों डिवीजन में ऐसा कोई गांव, मौहल्ला नहीं बच रहा जहां लोग मीटर की समस्या से परेशान न हों।

कोई मीटर के तेज चलने से परेशान है तो कोई आरडीएफ का बिल मिलने से परेशान हैं। लेकिन अधिकारी इन समस्याओं को जानकर भी चुप्पी साधे हुए हैं, क्योंकि निगम में मीटर का स्टॉक ही खत्म पड़ा है।

सर्दियों में देना पड़ रहा गर्मियों का बिल

जिन उपभोक्ताओं के मीटर गर्मियों में खराब हुए हैं, उनके आज तक आरडीएफ के बिल आ रहे हैं। यह बिल पिछले महीनों की रीडिंग के अनुसार ही बनाए जाते हैं। लेकिन सर्दियों में बिजली की खपत कम हो जाती है, ऐसे में उपभोक्ता बढ़े बिल भरकर परेशान हो रहे हैं।

पटना मुरादपुर लैब में करीब 1300 मीटरों की शिकायत

पटना मुरादपुर लैब में इन दिनों करीब 1300 मीटर बदलने की शिकायतें दर्ज हैं, जो हापुड़ डिवीजन के उपखंड कार्यालयों से भेजी गई हैं। इसके अलावा देहात अंचल से अवर अभियंता के पास भी 1600 और शहरी क्षेत्र से 1400, पिलखुवा और गढ़ डिवीजन की मिलाकर करीब 5700 शिकायतें दर्ज कराई गई हैं।

जिले के तीनों डिवीजन में मीटर उपभोक्ताओं की संख्या

हापुड़ – 98444
पिलखुवा – 94566
गढ़मुक्तेश्वर – 98782

खराब मीटरों की बदली कराई जा रही है। झटपट योजना में आवेदन आने वालों को सबसे पहले प्राथमिकता दी जा रही है। साथ ही तीन महीने से आरडीएफ के बिल आने वाले उपभोक्ताओं को भी प्राथमिकता पर रखा गया है। – गीता आनंद, अधिशासी अभियंता, मीटर

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