जन्माष्टमी व्रत 6 सितंबर को जन्मोत्सव 7 सितंबर को

हापुड़।

भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा की जन्माष्टमी के संबंध में प्रेस वार्ता माहेश्वरी मंदिर ( श्री राधा वल्लभ मंदिर ) आर्यनगर हापुड़ में आयोजित हुई। प्रेसवार्ता में जन्माष्टमी के संबंध में जन्माष्टमी स्थिति को स्पष्ट करते हुए महासभा ने बताया कि जन्माष्टमी व्रत 6 सितंबर 2023 दिन बुधवार को ही है। महासभा विद्वानों ने इसके लिए निर्णय सिंधु , धर्म सिंधु , श्री मद भागवत , भविष्यपुराण आदि अनेक धर्म ग्रंथों में लिखे प्रमाण को देते हुए बताया की व्रत के भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रोहिणी नक्षत्र युक्ता निशीथ (अर्धरात्रि ) में हुआ ।न्महसभा ने बताया की व्रत के विषय में निर्णय धर्मशास्त्र का विषय है। भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय ऋषिगण v भक्तजन निराहार रहकर उनके प्रकट होने की उपासना रत, व्रत में संलग्न थे। यही काल भविष्य में जन्माष्टमी व्रत भगवत पूजन अर्चन के रूप में प्रसिद्ध हुआ। इस बार यह व्रत 6 सितम्बर 2023 को बुधवार को जो कि शास्त्र सम्मत है। भगवान का जन्मोत्सव जन्म के अगले दिन गोकुल में नंद बाबा के यहां नंदोत्सव , प्राकट्योत्सव के रूप में प्रसिद्ध हुआ। जो इस बार 7 सितंबर को है।
प्रेस वार्ता में महासभा के विद्वान कृष्ण चंद पांडे , अनिशा सोनी पांडे, वासुदेव शर्मा , पंडित आदित्य भारद्वाज, मित्र प्रसाद काफ्ले, गौरव कौशिक, रज्जन अवस्थी, जगदम्बा शर्मा , माधव राव शर्मा , महावीर शर्मा , अजय शर्मा , नंद किशोर वाजपाई, और माहेश्वरी मंदिर के प्रधान पुजारी एवं महासभा सदस्य नकुल देव मिश्र आदि उपस्थित रहे।

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