जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा :
गांव-गांव जाकर जानकारी दे रहीं आशा और आशा संगिनी
हापुड़। आशा संगिनी नरेंद्री जब मंगलवार को दो आशा कार्यकर्ताओं के साथ ततारपुर गांव पहुंचीं तो खुशगवार मौसम में उनकी टीम पूरी होने में समय नहीं लगा। देखते ही देखते गांव की कुछ महिलाएं भी मानों उनकी टीम का हिस्सा हो गईं। फिर क्या था, शायद ही गांव की ऐसी कोई सड़क या गली बची हो, जिससे जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा का बैनर ना गुजरा हो। मंगलवार को पूरे गांव में यदि कोई चर्चा थी तो बस परिवार नियोजन की। महिलाओं के अलावा पुरूष भी परिवार नियोजन पर चर्चा करते सुने गए। आशा संगिनी नरेंद्र बताती हैं कि गांव की महिलाओं ने उनकी बातें बड़े ध्यान से सुनीं और उन पर अमल करने का भरोसा भी दिया।
नरेंद्री की टीम ने गांव की महिलाओं को बताया दो बच्चों के बीच तीन साल का सुरक्षित अंतर रखने से मां और शिशु, दोनों का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसके अलावा यह भी बताया गया परिवार नियोजन कार्यक्रम की क्या जरूरत है? कैसे सीमित संसाधनों में परिवार नियोजन के सहारे बेहतर जीवन जिया जा सकता है। इतना ही नहीं गांव में जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े की जानकारी देने पहुंची टीम ने यह भी बताया कि दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर के कौन-कौन से उपाय हैं। गर्भ निरोधक गोलियों के अलावा आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी और अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन जैसे परिवार नियोजन के अस्थाई साधनों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि यह उपाय अपनाने के लिए उन्हें कोई पैसा खर्च नहीं करना है, बल्कि परिवार नियोजन के स्थाई साधन अपनाने पर तो सरकार की ओर से प्रतिपूर्ति राशि भी दी जाती है।
परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में महिला नसबंदी कराने पर सरकार 1400 रूपए प्रदान करती और प्रसव पश्चात नसबंदी कराने पर यह राशि बढकर 2200 रूपए हो जाती है। इतना ही नहीं पुरूष नसबंदी कराने पर सरकार लाभार्थी को दो हजार रूपए की राशि प्रदान करती है। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान ने बताया मंगलवार को गढ़मुक्तेश्वर ब्लॉक के बिहूनि गांव में आशा संगिनी गीता शर्मा के साथ आशा किरण और सीएम ने जागरूकता कार्यक्रम चलाया। इसके अलावा हापुड़ ब्लॉक के सुदाना गांव में आशा संगिनी सुमन, आशा कार्यकर्ता ममता और कमलेश के साथ ग्रामीणों को परिवार नियोजन कार्यक्रम के प्रति जागरूक करने पहुंचीं।
नोडल अधिकारी ने कहा :
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