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खुशहाल परिवार दिवस पर हुईं महिलाओं की नसबंदी

  • 78 महिलाओं ने आईयूसीडी और 13 ने पीपीआईयूसीडी अपनायी
  • 39 महिलाओं ने गर्भ निरोधक इंजेक्शन अंतरा पर जताया भरोसा

हापुड़। जनपद में सभी प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मंगलवार को खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा ने कहा कि परिवार नियोजन संबंधी सेवाएं प्राप्त करने के लिए खुशहाल परिवार दिवस के आयोजन से जनपदवासियों को एक बेहतर प्लेटफार्म मिला है। हर माह की 21 तारीख को होने वाले इस आयोजन के दौरान एक ही छत के नीचे परिवार नियोजन के तमाम विकल्प एक साथ मौजूद रहते हैं, इससे किसी भी लाभार्थी को अपनी पसंद के मुताबिक विकल्प चुनने की सुविधा मिलती है। दो बच्चों के सुरक्षित अंतर की बात हो या फिर परिवार पूरा होने के बाद परिवार नियोजन का स्थाई साधन अपनाने की, दोनों ही मामलों में खुशहाल परिवार दिवस के आयोजन से पूरी आजादी के साथ मदद मिलती है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया खुशहाल परिवार दिवस, जैसा इसके नाम से ही विदित है, हर परिवार की खुशहाली के मकसद से इसका आयोजन किया जाता है। परिवार नियोजन एक ऐसा कार्यक्रम है जो सीधे तौर पर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा है। दो बच्चों के बीच तीन वर्ष का सुरक्षित अंतर मां और बच्चे, दोनों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। उन्होंने बताया मंगलवार को आयोजित खुशहाल परिवार दिवस के मौके पर हापुड़ सीएचसी में तीन महिलाओं ने परिवार नियोजन के स्थाई साधन के रूप में नसबंदी को अपनाया।

इसके अलावा परिवार नियोजन के अस्थाई साधन के रूप में जनपद में कुल 78 महिलाओं ने आईयूसीडी लगवाई। हापुड़ और सिंभावली सीएचसी में कुल 32-32 महिलाओं, धौलाना और गढ़ मुक्तेश्वर सीएचसी में कुल पांच-पांच और भीमनगर व अर्जुननगर पीएचसी में दो-दो महिलाओं को आईयूसीडी लगाई गई। इसके अलावा जनपद में कुल 13 महिलाओं पीपीआईयूसीडी और 39 महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा पर भरोसा जताया। जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ बृजभान ने बताया दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर रखने के ल‌िए आईयूसीडी और पीपीआईयूसीडी एक बेहतर विकल्प है। उन्होंने बताया खुशहाल दिवस के मौके पर जनपद में कुल 221 छाया और 198 माला-एन गर्भनिरोधक गोलियां वितरित की गईं। इसके अलावा 3340 कंडोम और 48 ईसीपी का वितरण भी किया गया।

Photo : 21 Hapur 1

गढ़ मुक्तेश्वर में ग्राम प्रधानों का टीबी के प्रति संवेदीकरण

  • ग्राम प्रधान सरकारी निशुल्क जांच व उपचार की जानकारी ग्रामीणों को दें
  • किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर उसकी जांच जरूर कराएं

हापुड़, 21 सितंबर, 2021। नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी संवेदीकरण किया गया। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नव निर्वाचित ग्राम प्रधानों को टीबी के लक्षणों, जांच और उपचार के संबं‌ध में विस्तार से जानकारी दी गई। जिला पीपीएम कोर्डिनेटर सुशील चौधरी ने बताया- कार्यक्रम के दौरान ग्राम प्रधानों से अपेक्षा की गई यदि गांव में किसी को टीबी जैसे लक्षण हैं तो वह इसकी जानकारी क्षय रोग विभाग को देने के साथ ही रोगी को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाकर जांच कराने में उसकी मदद करें और साथ ही सरकार की ओर से निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही जांच और उपचार की सुविधा के बारे में ग्रामीणों को अवगत कराएं। जिला क्षय रोग विभाग की ओर से टीबी संवेदीकरण कार्यक्रम में पीएमडीटी समन्वयक मनोज कुमार भी मौजूद रहे।

जिला पीपीएम को-ऑर्डिनेटर सुशील चौधरी ने नवनिर्वाचित प्रधानों को संबोधित करते हुए बताया टीबी माइकोवैक्टीरियम वैक्टीरिया से होती है। आमतौर पर यह फेफड़ों पर वार करती है लेकिन किसी भी अंग में टीबी होना संभव है। टीबी के शुरुआती लक्षण लंबे समय तक खांसी रहना। अचानक वजन कम होने लगना। हल्का बुखार रहना। रात में सोते समय पसीना आना। ठंड लगना। छाती में दर्द, खांसने पर खून आना। थकान रहना और भूख कम लगना आदि होते हैं। 15 दिन से अधिक खांसी रहने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक से संपर्क करें। स्पुटम (बलगम) की जांच कराएं। क्षय रोग विभाग की ओर से निशुल्क जांच और उपचार की सुविधा उपलब्ध है। नियमित उपचार के बाद टीबी पूरी तरह ठीक हो जाती है। उपचार के दौरान शासन की ओर से निक्षय पोषण योजना के तहत उपचार चलने तक हर माह पांच सौ रुपए का भुगतान मरीज के खाते में किया जाता है ताकि वह बेहतर पोषण प्राप्त कर सके।

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