हापुड़। जिले में खसरा फिर सक्रिय हुआ है, जिसकी रोकथाम के लिए अब पांच साल तक के बच्चों को एमआर के टीके लगाए जा रहे हैं। इसके साथ ही दस टीके बच्चों के लिए जरूरी हैं, जो उन्हें जानलेवा बीमारियों से बचाते हैं। कोरोना महामारी में टीकाकरण की ताकत देखी जा सकी है, जिन्होंने टीकाकरण कराया था उन्हें जान की क्षति नहीं हुई। विभाग 24 मार्च तक अभियान चलाकर बच्चों को टीके लगा रहा है।
16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1995 में पोलियो से बचाव के लिए ओरल दवा पिलाने की शुरूआत हुई थी। इस टीके का ही परिणाम है कि आज हापुड़ समेत भारत देश पोलियो मुक्त हो चुका है। बच्चों में खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोटू, काली खांसी, हेपेटाइटिस बी और निमोनिया बच्चों की जान पर खतरा है।
इन बीमारियों से निजात दिलाने वाले टीकों की कीमत हजारों रुपये में है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग बच्चों को टीके निःशुल्क लगाता है। जिले में एक दशक बाद फिर से खसरा फैला है, जिन क्षेत्रों में इसका असर अधिक है वहां देखा गया है कि बच्चों में खसरे का टीका नहीं लगवाया गया। पहले दो साल तक के बच्चों को यह टीका लगता था, लेकिन अब पांच साल तक के बच्चों को टीका लगेगा।
टीका करता है बच्चों की सुरक्षा
टीकाकरण बच्चों की जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा करता है। अभिभावक अपने बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं, सरकारी अस्पतालों में समस्त टीके उपलब्ध हैं। – डॉ0 सुनील त्यागी, सीएमओ
शून्य से पांच साल तक के बच्चों के लिए टीका जरूरी
- बीसीजी-टीबी बीमारी के लिए
- ओपीबी-पोलियो की ओरल दवा
- आईपीबी-सूई से दी जाने वाली पोलियो की दवा
- पैंटावैलेट-गलघोटू, काली खांसी, टिटनेस, हेपेटाइटिस बी, हिब निमोनिया से बचाव का टीका
- एमआर-मिजिल्स रूबैला
- आरवीवी-रोटा वायरस वैक्सीन
- पीसीवी-निमोकोकल वैक्सीन
- टीडी-गर्भवती महिलाओं के लिए
- विटामिन ए-बच्चों को पिलायी जाने वाली खुराक