करोड़ों रुपये की जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी में एसडीएम व तहसीलदार दोषी
करोड़ों रुपये की जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी में एसडीएम व तहसीलदार दोषी
हापुड़/ लखनऊ। हापुड़ में करोड़ों रुपये की जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई है। शासन की जांच में तत्कालीन एसडीएम व तहसीलदार समेत कई राजस्व कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया गया है। ये गड़बड़ियां अपने ही आदेश गलत ढंग से बदलकर या निरस्त करके की गई हैं। शासनस्तर से जल्द कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि हापुड़ की तहसील धौलाना के गांव नंदपुर में अंसक्रमणीय भूमिधर को संक्रमणीय भूमिधर घोषित किया गया, जो कि अनियमितता की श्रेणी में आता है। वहां के एसडीएम ने इस मामले में पहले संक्रमणीय भूमिधर के आदेश जारी किए, फिर आदेश को निरस्त कर पुनः अंसक्रमणीय करने का खेल किया। इसी तहसील के गांव भोवापुर में भी
भू-उपयोग परिवर्तन में गंभीर अनियमितताएं सामने आई हैं। पहले कृषि भूमि को आबादी में दर्ज करने के आवेदन को निरस्त किया गया। फिर एसडीएम कोर्ट ने अपने आदेश को भूलवश किया गया बताया। जांच में कहा गया है कि इस तरह की कोई प्रक्रिया संबंधित अधिनियम या नियमों
में दर्ज नहीं है। इसलिए इसे न्यायिक प्रक्रिया के तहत किया गया आदेश नहीं माना जा सकता। ऐसे सभी आदेशों को शून्य घोषित करने की संस्तुति के साथ यह भी कहा गया है कि संबंधित एसडीएम और उनके न्यायालय के कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करना उचित होगा।
भोवापुर के ही एक अन्य मामले में भी एसडीएम ने भू-उपयोग परिवर्तन के अपने ही आदेश की समीक्षा की, जो कि नियमतः गलत है। इसी तरह से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की महायोजना से संबंधित प्रकरणों में प्राधिकरण को बिना सूचित किए भू-उपयोग परिवर्तन किया गया। उस भूमि के सभी खातेदारों की भी सहमति प्राप्त नहीं की गई। ग्राम देहरा में एक खातेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए षड्यंत्रपूर्ण आदेश पारित करने का आरोप भी सही पाया गया।
घूस न दिए जाने पर नहीं सुधारते थे लिपिकीय त्रुटि
एसडीएम धौलाना पर आरोप लगाया गया कि वह घूस न मिलने पर अविवादित लिपिकीय त्रुटि को नहीं सुधारते हैं। जांच में यह आरोप भी सही पाया गया। उन्होंने अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की जमीनों के क्रय-विक्रय के दौरान भी नियमों का ध्यान नहीं रखा, जिससे उन्हें अधिनियम से प्राप्त सुरक्षा भी नहीं मिल सकी।
आकार पत्र 45 मे ख न 235,498 नवीन परती भूमि है,,,,235 एयरपोर्ट में जानें पर सरकारी सम्पत्ति बन गई,,498 अम्बाला-, हरिद्वार हाईवे पर आने पर करोड़ों में बिक रही है,,,