अमेरिका में समाजसेवा कर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं दंपत्ति चोपड़ा

अमेरिका में समाजसेवा कर भारत का नाम रोशन कर रहे हैं दंपत्ति चोपड़ा
हापुड़। भारत निवासी रवि चोपड़ा व उनकी पत्नी शशि चोपड़ा अमेरिका में रहकर समाजसेवा कर सेवा और परोपकार की एक मिसाल बन गए हैं।
भारत निवासी रवि चोपड़ा और श्रीमती शशि चोपड़ा कई वर्षों से अमेरिका के उत्तरी वर्जीनिया में रह रहे हैं, 1969 में चंडीगढ़, भारत से अमेरिका प्रवास कर आए। वे पिछले 45 वर्षों से समाज सेवा में सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं।
श्री चोपड़ा ने सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में 44 वर्षों का सफल करियर पूरा करने के बाद सेवानिवृत्ति ली, जबकि श्रीमती चोपड़ा ने 10 वर्षों तक बैंकिंग क्षेत्र में कार्य किया और उसके बाद 27 वर्षों तक आतिथ्य (हॉस्पिटैलिटी) उद्योग में एक सफल व्यवसाय संचालित किया।
समाजसेवी रवि चोपड़ा के पारिवारिक मित्र और हापुड़ निवासी अरूण अग्रवाल ने बताया कि समाज सेवा के अग्रदूत
राजधानी मंदिर के संस्थापक सदस्य के रूप में, चोपड़ा दंपति ने 1985 में उत्तरी वर्जीनिया के पहले हिंदू मंदिर की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो हिंदू समुदाय की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक आवश्यकताओं को पूरा करता है। 2009 में, उन्होंने सदाबहार सीनियर ग्रुप की स्थापना की, जो उत्तरी वर्जीनिया का पहला वरिष्ठ नागरिक समूह है। यह समूह बुजुर्गों को सामाजिक मेलजोल, मानसिक सक्रियता और स्वास्थ्य व कल्याण संबंधी मार्गदर्शन प्राप्त करने के अवसर प्रदान करता है।
2015 में, श्री चोपड़ा ने ग्लोबल सेवा फंड (GSF) की स्थापना की, जो जरूरतमंद बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा सहायता और वरिष्ठ नागरिकों के लिए भोजन वितरण जैसे मानवीय कार्यों में संलग्न है। यह संगठन INOVA हेल्थ फाउंडेशन, एम्स (AIIMS) इंडिया और नेपाल भूकंप राहत कार्यक्रमों के साथ साझेदारी में कार्य करता है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने गांधी ग्लोबल फैमिली USA की स्थापना की, जिसका उद्देश्य महात्मा गांधी के आदर्शों का प्रचार और विभिन्न समुदायों के बीच सौहार्द बढ़ाना है।
सम्मान एवं उपलब्धियां
उनकी निःस्वार्थ सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड (2023), एक्सेप्शनल कम्युनिटी सर्विस अवार्ड (2024), और वर्जीनिया के गवर्नर द्वारा कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। श्री चोपड़ा FOX 5 PLUS टीवी कार्यक्रमों के एंकर भी रहे हैं, जहां वे युवा स्वयंसेवकों और छोटे व्यवसायों को एक मंच प्रदान करते हैं।
अपनी निष्ठा और समर्पण से, श्री और श्रीमती चोपड़ा ने समाज पर अमिट छाप छोड़ी है और अनगिनत लोगों को सेवा व सामुदायिक विकास के लिए प्रेरित किया है।