अगर आप मोटी कमाई के बावजूद इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं तो सावधान हो जाएं। आयकर विभाग रिटर्न नहीं भरने वाले या खाते में बड़ी लेन-देन करने वाले लोगों पर पैनी नजर रख रहा है। केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का कहना है कि इसके लिए विभाग डाटा एनलाटिक्स और आर्टिफिशिय इंटेलीजेंस के साथ तीसरे पक्ष के वित्तीय संस्थानों से भी सूचनाएं जुटा रहा है।
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आयकर विभाग का कहना है कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है जिससे करदाता के खाते में बड़ी राशि की लेन-देन होते ही इसकी सूचना विभाग को मिल जाए। विभाग का कहना है कि कई बार इस तरह की जानकारियां सामने आई हैं कि अधिक कमाई के बावजूद संबंधित व्यक्ति टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं। विभाग का कहना है कि नई तकनीक और कवायद से ऐसे लोगों को कर दायरे में लाया जा सकेगा।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी का हो रहा उपयोग
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पी सी मोदी ने कहा कि विभाग आंकड़ों पर गौर कर रहा है और राजस्व बढ़ाने के लिये आर्टिफिशियल इंटेलीजेंसी (एआई) प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग इस संदर्भ में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
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वित्त वर्ष 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में अनुमानित आयकर संग्रह 5.59 लाख करोड़ रुपये और कंपनी कर संग्रह 6.10 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2020-21 में प्रत्यक्ष कर राजस्व संग्रह के संदर्भ में विभाग प्रौद्योगिकी का उपयोग करेगा और स्वैच्छिक अनुपालन को बढ़ावा देगा।
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उन्होंने कहा, ”हम बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने जा रहे है। हम आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं। कृत्रिम मेधा का व्यापक उपयोग कर रहे हैं। आने वाले समय में इसका असर दिखेगा। अगले वित्त वर्ष में आयकर संग्रह 6.38 लाख करोड़ रुपये और कंपनी कर संग्रह 6.81 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान रखा गया है।