अंगूठे का क्लोन बनाकर बैंक खातों से लाखों रूपए की धोखाधड़ी करनें वालें गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार, नगदी, अंगूठे के क्लोम बरामद
हापुड़- जनपदीय साइबर सेल टीम व थाना बहादुरगढ़ पुलिस ने फर्जी ग्राहक सेवा केन्द्र(CSP) लेकर AEPS के माध्यम से लोगों के अंगूठे का क्लोन बनाकर बैंक खातों से धोखाधड़ी कर ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए दो ठगों को गिरफ्तार किया , जिनके कब्जे से 3,100/-रुपये, 35 रबर अंगूठे क्लोन, 03 मोबाइल फोन, 03 फर्जी आधार कार्ड इत्यादि सामान बरामद किया है।
जनपदीय साईबर सेल टीम व माना बहादुरगढ़ पुलिस द्वारा संयुक्त कार्यवाही कर थाना बहादुरगढ़ पर पंजीकृत मु०ब०सं०-06/2023 धारा 420 भादवि व 8 सीआईटी एक्ट से संबंधित 2 ठगों सनीम अंसारी व शिवा उर्फ टीटू निवासी सुखवीर नगर थाना बेगमपुर को गढ़-स्थाना रोड़ देहरा रामपुर तिराहा से गिरफ्तार किया । जिनके कब्जे से 31 सौ रुपये 35 रबर अंगूठे क्लोन, 03 मोबाइल फोन, 9 फर्जी आधार कार्ड इत्यादि सामान है।
अपराध करने का तरीका
उत्तर प्रदेश registration department की सरकारी वेबसाइट से पिछले साल रजिस्ट्री संपत्ति विवरण क्रय विक्रय पत्र हापुड़ व उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों का डाटा हमने बरामद लैपटॉप में arorate करके रख लिया था, रजिस्ट्री में से अंगूठा निशानी को लैपटॉप की मदद से एडिट कर बटर पेपर पर प्रिंट लेकर कांच की सीट पर रखकर उसके ऊपर सादा पन्नी लगाकर चारों तरफ डबल टेपिंग करने के बाद PHOTO POLYMER GEL डालकर उसके ऊपर दूसरी कांच की सीट लगाकर क्लिप से टाइट कर देते हैं फिर POLY STAMPER MACHINE में रखकर थोड़ी देर बाद बाहर रख
देते हैं एक घंटे बाद दोनों कांच के बीच से पॉलीमर को निकाल कर जितने हिस्से पर अंगूठे के निशान आए हैं उतने हिस्से की कटिंग कर लेते हैं इस प्रकार अंगूठे का क्लोन बनकर तैयार हो जाता है । उसके बाद हम लोग फर्जी जनसेवा केंद्र मोले- पाले लोगों के नाम से ONLINE केवाईसी करा कर एक्टिवेट करा लेते थे जनसेवा केंद्र की सुविधा देने वाली बैंक हमें यूजर आईडी और पासवर्ड दे देती थी जिससे हम अपने मोबाइल या लैपटॉप में लॉग-इन कर FINGERPRINT SCANNER डिवाइस में फर्जी तैयार किए गए अंगूठे के क्लोन को लगाकर AEPS सर्विस से धनराशि की निकासी कर लेते थे व AEPS WALLET से धनराशि भोले-बाले लोगों से जान पहचान कर उनके व्यापार में पैसा लगाने के नाम पर या अन्य कोई कारण बताकर उनके खाते में ट्रांसफर कर नगद धनराशि ले लेते हैं।
सीओ आशुतोष शिवम् ने बताया कि गिरफ्तार सदस्य शातिर किस्म के साइबर अपराधी हैं जो अब तक करीब सैकड़ों लोगों के साथ ऐसी घटनाएं कर लाखों रूपये की ट्रांजैक्शन कर आर्थिक लाभ कमा चुके हैं।यह गिरोह यूपी के अलग-अलग जनपदों में सक्रिय था।
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