स्वतंत्रता सेनानियों की याद में किया पौधारोपण, शहीदों की वीरता को किया सलाम: चंद्र किरण कश्यप
हापुड़ जनपद में देश की तीनों सेनाओं की सलामती के लिए भारत की पैदल यात्रा कर रहे हैं देशभक्त शिवकरण के आगमन पर राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के पंचायती राज विभाग के प्रदेश सचिव चंद्रकिरण कश्यप एवं हापुड़ कलेक्ट्रेट एसडीएम प्रहलाद सिंह जी ने देशभक्त शिवकरण का स्वागत किया और उनके देश भक्ति भावना की सराहना करते हुए प्रशंसा की। जम्मू से कन्याकुमारी तक पैदल यात्रा कर रहे देशभक्त शिवकरण ने बताया कि यह यात्रा 25 मार्च 2022 से उन्होंने जनपद फतेहपुर से शुरू की और जहां भी वह भी विश्राम के लिए के लिए रुकते हैं शहीदों की याद में 5 पौधे अवश्य लगाते हैं। चंद्रकिरण कश्यप ने बताया कि जब से दुनिया शुरू हुई है, तभी से इंसान और क़ुदरत के बीच गहरा रिश्ता रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्ज़ियां और अनाज मिला। तन ढकने के लिए कपड़ा मिला। घर के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीज़न भी मिलती है, जिसके बिना कोई एक पल भी ज़िन्दा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की ज़रूरत हैं, उसके जीवन का आधार हैं। अमूमन सभी मज़हबों में पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया गया है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों को पूजा जाता है। विभिन्न वृक्षों में विभिन्न देवताओं का वास माना जाता है। पीपल, विष्णु और कृष्ण का, वट का वृक्ष ब्रह्मा, विष्णु और कुबेर का माना जाता है, जबकि तुलसी का पौधा लक्ष्मी और विष्णु, सोम चंद्रमा का, बेल शिव का, अशोक इंद्र का, आम लक्ष्मी का, कदंब कृष्ण का, नीम शीतला और मंसा का, पलाश ब्रह्मा और गंधर्व का, गूलर विष्णू रूद्र का और तमाल कृष्ण का माना जाता है। इसके अलावा अनेक पौधे ऐसे हैं, जो पूजा-पाठ में काम आते हैं।
यह हैरत और अफ़सोस की ही बात है कि जिस देश में, समाज में पेड़-पौधों को पूजने की प्रथा रही है, अब उसी देश में, उसी समाज में पेड़ कम हो रहे हैं। बदलते दौर के साथ लोगों का प्रकृति से रिश्ता टूटने लगा। बढ़ती आबादी की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए वृक्षों को काटा जा रहा है। नतीजतन जंगल ख़त्म हो रहे हैं। देश में वन क्षेत्रफल बहुत ही कम है। इससे पर्यावरण के सामने संकट खड़ा हो गया है। घटते वन क्षेत्र को राष्ट्रीय लक्ष्य के स्तर पर लाने के लिए ज़्यादा से ज़्यादा वृक्ष लगाने होंगे। साथ ही ख़ुशनुमा बात यह भी है कि अब जनमानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता आ रही है। लोग अब पेड़-पौधों की अहमियत को समझने लगे हैं। समिति के प्रदेश सचिव चंद किरण कश्यप ने अपनी वाणी को विराम देते हुए बताया कि वर्ष 2017 से घर परिवार में कोई जन्मदिन हो, शुभ कार्य हो या किसी विशेष व्यक्ति से मुलाकात किसी भी विशेष अवसर पर सैकड़ों रुपए के गुलदस्ते देने के बजाय एक पौधा भेंट करने की आदत बना ली है और देशवासियों से भी इसी प्रकार पौधारोपण करने की अपील करते हैं।
एसडीएम प्रहलाद सिंह ने कहा कि युवा पीढ़ी आने वाले समय में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर सकती है। उन्होंने कहा कि पेड़ ही मानव जीवन का आधार है, तो क्यों नहीं चारों ओर हरियाली को फैलाया जाए। उन्हांेने प्रत्येक व्यक्ति से जीवन में एक-एक पौधा लगाने और उसके पेड़ बनने तक उसके सार-संभाल की जिम्मेदारी लेने की भी बात कही। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाकर ही हम प्रदूषण से पर्यावरण को बचा सकते है। इसके साथ ही उन्होंने मानव जीवन में पेड़ों की महत्ता के बारे में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
अंकित कुमार वर्मा उप जिलाधिकारी गढ़मुक्तेश्वर ने कहा है कि पेड़ों को जब तक हम अपने बेटे-बेटी को पालने की तरह से पालन-पोषण देखभाल नहीं करेंगे, तब तक पर्यावरण की सुरक्षा के प्रति पर्याप्त जागृति का अभाव ही रहेगा। उन्होंने सरकारी हॉस्टल सबली में पौधारोपण करते हुए यह बात कही। उन्होंने लगाए गए सभी पौधों की पूरी देखभाल करने की आवश्यकता बताई। इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें घरों में भी विशेष अवसरों पर एक-एक पौधा लगाने की पहल की शुरुआत करनी चाहिए। पौधारोपण कार्यक्रम में उपस्थित प्रह्लाद सिंह उपजिलाधिकारी कलेक्ट्रेट-हापुड़,श्री अंकित कुमार वर्मा उपजिलाधिकारी गढ़मुक्तेश्वर, क्षेत्राधिकारी पुलिस सदर हापुड़, श्री देवेंद्र सिंह जिला विकास अधिकारी हापुड़,श्री शिवदास सिंह खाद्य सुरक्षा अधिकारी एवं एंटी करप्शन राष्ट्रीय भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के सदस्यों प्रवेश कुमार सोनू कुमार कपिल कश्यप अनुज कुमार ने समस्त पौधों की देखरेख करने का विश्वास दिलाया।
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