हापुड़। लखनऊ में प्रिंटिंग में आ रही दिक्कत और स्मार्ट चिप की कमी के चलते जिले के करीब एक हजार ड्राइविंग लाइसेंस पिछले एक माह से अधर में फंसे हैं। लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदक कार्यालय के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। इस स्थिति से नए आवेदक भी लाइन में हैं। संभागीय परिवहन अधिकारियों का कहना है कि पिछले एक महीने से यह दिक्कत आ रही है, फिलहाल हालत सुधरने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।
संभागीय परिवहन कार्यालय से प्रतिमाह करीब एक हजार के आसपास ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की संस्तुति की जाती है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से लखनऊ से लाइसेंस जारी नहीं किए जा रहे हैं। जिसके कारण आवेदक चक्कर काट रहे हैं। करीब एक हजार ड्राइविंग लाइसेंस ऐसे हैं जो प्रिंटिंग न होने के कारण अटके हुए हैं।
परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रूस यूक्रेन युद्ध के चलते स्मार्ट कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस में लगने वाले स्मार्ट चिप का संकट पैदा हो गया है। स्मार्ट चिप की सप्लाई नवंबर 2022 से प्रभावित हुई है। इस कारण लखनऊ में पिं्रट होने वाले ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बन पा रहे हैं। स्मार्ट चिप कम्पनी की तरफ से कार्यालय में कर्मचारी तैनात हैं। ये कर्मचारी आवेदक की बायोमैट्रिक और कागजातों की स्कुटनी करते हैं। इसके बाद परिवहन विभाग वाहनों की टेस्टिंग और डीएल की ऑनलाइन संस्तुति देता है।
ऐसे काम करती है चिप
प्रिवहन विभाग में आवेदन के बाद आने वाले आवेदकों का डाटा ड्राइविंग लाइसेंस बनाने के लिए मॉनिटरिंग सिस्टम (केएमएस) के पास जाता है। इसके बाद स्मार्ट चिप कम्पनी के कर्मचारी चिप में आवेदक का डाटा ट्रांसफर करते हैं। चिप से आवेदक की जानकारी मिल जाती है।
पिछले कुछ दिनों से यह समस्या सामने आ रही है। इसके लिए उच्चाधिकारियों से बात की जा रही है। उन्हें स्थानीय स्थिति से अवगत कराया जा रहा है। जल्द ही समस्या का समाधान हो जाएगा। – अजीत श्रीवास्तव, एआरटीओ प्रशासन