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सांसद राजेन्द्र अग्रवाल ने लोकसभा में की मेरठ में हाईकोर्ट बेंच की मांग,गिनाए कारण


हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)।

मेरठ-हापुड़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने आज लोकसभा में The High Court and Supreme Court Judges (Salaries and Conditions of Service) संशोधन बिल-2021 पर चर्चा के दौरान मेरठ में उच्च न्यायालय की खंडपीठ बनाये जाने की मांग की। चर्चा के दौरान लोकसभा में बोलते हुए सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि विलम्ब के कारण न्याय से वंचित होने वालों की संख्या देश में बहुत अधिक है। कुल मिलाकर लगभग 4.5 करोड़ केस इस समय लंबित हैं जिनमें से 70 हजार सर्वोच्च न्यायालय में तथा लगभग 56 लाख वाद उच्च न्यायालयों में तथा लगभग 4 करोड़ वाद अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित हैं।

. उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालयों की यदि बात करें तो इनके 41% केस ऐसे हैं जो 5 वर्ष से पुराने हैं तथा 21% केस ऐसे हैं जो 10 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं।
उन्होंने कहा कि न्याय शीघ्र मिले इसके लिए सरकारों ने उपाय किये हैं। ट्रिब्यूनल तथा विशेष न्यायालय बनाये गए हैं, फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये गए हैं परन्तु वहां भी बड़ी संख्या में केस लंबित हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि इन लंबित मामलों के कारण जहाँ अपराधी बचते रहते हैं वहीँ अपराध की सजा पूरी होने के बाद भी लोग जेलों में रहने को मजबूर हैं। इस समय लगभग 5 लाख कैदी भारत की विभिन्न जेलों में हैं जिनमे दो तिहाई ऐसे हैं जिनका फैसला नहीं आया है तथा स्वाभाविक ही उनमे ऐसे बड़ी संख्या में हैं जो अपने अपराध की अधिकतम सजा से भी अधिक समय से जेल में हैं। उन्होंने कहा कि यदि केवल उत्तर प्रदेश तथा विशेष रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की मैं बात की जाये तो उच्च न्यायालय के क्षेत्र तथा लंबित वादों की सर्वाधिक गंभीरता पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। सभी उच्च न्यायालयों के कुल लगभग 56 लाख लंबित मामलों में अकेले इलाहाबाद उच्च न्यायालय में 8 लाख से अधिक मामले लंबित हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि 24 करोड़ की जनसँख्या वाला उत्तर प्रदेश देश की सबसे अधिक जनसँख्या वाला राज्य है लेकिन यहाँ इलाहाबाद हाईकोर्ट की केवल एक पीठ लखनऊ में है जिसके पास 12 जिलों का क्षेत्राधिकार है जबकि अन्य अनेक प्रदेशों में कम जनसंख्याँ पर भी उच्च न्यायालयों की बेंच विद्यमान है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रफल की द्रष्टि से भी बड़ा राज्य होने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट से पश्चिम उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों की दूरी 700 किलोमीटर से भी अधिक है जबकि वहां से दिल्ली, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड सहित अन्य अनेक प्रदेशों के हाईकोर्ट अपेक्षाकृत निकट हैं। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि “सस्ता न्याय-सुलभ न्याय” ये सरकार की जिम्मेदारी भी है तथा पीड़ित वादी का अधिकार भी है। परन्तु जिन परिस्थितियों का मैंने संक्षेप में उल्लेख किया है उसमे यह संभव नहीं हो पा रहा है। सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने निवेदन किया कि न्यायालयों की संख्या, उनका क्षेत्राधिकार इत्यादि को ध्यान में रखकर सम्पूर्ण परिस्थिति की समीक्षा किया जाना आवश्यक है। उत्तर प्रदेश के लिए तो तीन स्थानों-मेरठ, आगरा तथा गोरखपुर में बेंच स्थापित करने के लिए इनके स्थानीय माननीय सांसदों द्वारा निरंतर मांग की गयी है। उन्होंने कहा कि इस द्रष्टि से उत्तर प्रदेश के मानचित्र में हाई कोर्ट तथा गोरखपुर, मेरठ सहित कुल पांच क्षेत्रों में संभावित क्षेत्राधिकार दर्शाते हुए मैंने भी एक पत्र भारत सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू को दिया है।

Menmoms Sajal Telecom JMS Group of Institutions
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