हापुड़। महिला सुरक्षा को लेकर भले ही शासन ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पुरुष कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी किए हों, लेकिन इस आदेश से जिले के चार स्कूलों में पिछले 16-17 साल से कार्य कर रहे नौ कर्मचारियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है।
विभाग ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। जिले में चार कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय हैं। जिनमें एक हापुड़ डायट परिसर, एक पिलखुवा, एक धौलाना और एक कुचेसर चौपला में है। इनमें दो लेखाकार समेत कुल नौ कर्मचारी तैनात हैं।
शासन से जारी आदेशों के बाद इन कर्मचारियों की नौकरी जाना अब लगभग तय है। शासन से महिला कर्मचारियों की भर्ती के निर्देश प्राप्त हो चुके हैं। यह सब महिला सुरक्षा का हवाला देते हुए किया जा रहा है।
दरअसल, इस विद्यालय में सभी बालिकाएं यहां हॉस्टल में रहकर पढ़ती हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। अब पुरुष कर्मचारियों की जगह महिला कर्मचारियों के स्टॉफ की यहां तैनाती की जाएगी।
पुरुष कर्मचारी न होने से गैस सिलेंडर सहित अन्य काम तो प्रभावित होंगे ही, लेकिन 15-16 साल से नौकरी कर रहे कर्मचारियों के घर के चूल्हे बुझ जाएंगे। ऐसे कर्मचारियों का दर्द आंसू बनकर झलक रहा है।
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