हापुड़(अमित अग्रवाल मुन्ना)। (ehapuruday.com) देव नन्दिनी अस्पताल, हापुड़ की प्रख्यात प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा० विमलेश शर्मा ने हाई रिस्क प्रेगनेंसी के शारीरिक कारण एवं पूर्व इतिहास का वर्णन करते हुए बताया कि मोटापा, कम अथवा अधिक उम्र में गर्भधारण, मधुमेह, खून की कमी, हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा आदि से ग्रस्त महिलाओं को गर्भकाल में अधिक सावधानी की आवश्यकता होती है | प्रसव के संकेत तथा सुरक्षित प्रसव हेतु अपनाए जाने वाली प्रक्रिया कि विस्तृत जानकारी प्रदान की गई |
डा. विमलेश यहां मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा० रेखा शर्मा व डा० राकेश अनुरागी के नेतृत्व में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गढ़मुक्तेश्वर में प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यशाला का आयोजन में सम्बोधित कर रही थी। कार्यशाला में गढ़ क्षेत्र में कार्यरत समस्त आशा वर्करो द्वारा हिस्सा लिया गया | देव नन्दिनी अस्पताल, हापुड़ की प्रख्यात प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा० विमलेश शर्मा द्वारा आशाओं को महिला स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया | प्रसूति-काल में स्त्रियों के सामने आने वाली परिस्थितियों और समस्याओं की बारीकियों से अवगत कराया गया ।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान देश में गर्भवती महिलाओ की प्रसव-पूर्व देखभाल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया है | आंकड़ो के अनुसार 20-30% डिलीवरी हाई रिस्क श्रेणी में आती है । देश में प्रत्येक 2 मिनट में एक महिला की मृत्यु प्रसव के दौरान होती है ।अधिकांश नवजात शिशुओ की मृत्यु जन्म के ४२ दिन के भीतर होती है । अत: आवश्यक समझा गया कि फील्ड में कार्यरत आशा वर्करो को सामान्य गर्भावस्था, हाई रिस्क गर्भावस्था एवं नवजात शिशु अवस्था में समय रहते अन्तर समझने की योग्यता विकसित की जाए ।
देव नन्दिनी अस्पताल, हापुड़ के बाल रोग विशेषज्ञ डा० आलोक अग्रवाल द्वारा प्रसव उपरान्त शिशु की अवस्था का मूल्यांकन करना, गंभीर परिस्थितियों को पहचानना तथा समय से उचित उपचार प्रदान कर शिशु जीवन को रक्षा प्रदान करने हेतु जानकारी प्रदान की गई । बच्चो के समयानुसार टीकाकरण पर डा० आलोक द्वारा महत्वपूर्ण सारगर्भित ज्ञान प्रदान किया गया ।
इस अवसर पर डा० गरिमा, डा० दिनेश भारती, डा० विवेचना शर्मा, सर्वश्री शुभम शर्मा, दीपक चौधरी, अवधेश राघव आदि उपस्थित रहे ।
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