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बुझ गए 6 घरों के चिराग,सूनी हो गई सुहागनों की मांग , नहीं जले घरों के चूल्हे,घरों में मचा है हा – हाकार

हापुड़।
गढ़मुक्तेश्वर में हाईवे 9 पर सोमवार की देर रात हुए सड़क हादसे में मारे गए सभी मृतकों की आयु 40 वर्ष से कम थी। सभी युवा थे और सभी के छोटे छोटे मासूम बच्चे हैं। केवल एक मृतक संदीप ही 40 साल का था अन्य सभी कम आयु के थे। एक साथ ही सभी अक्सर नीम करौली बाबा के दर्शन के लिए जाया करते थे। घर से हंसी खुशी निकले सभी 6 युवाओं की पत्नियों को जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि आज की रात इतनी स्याह साबित होने वाली है कि इस रात की काली स्याह हमेशा के लिए उनकी मांग को सूना कर देगी।
पोस्टमार्टम हाउस पर शव लेने पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि सभी युवा अक्सर एक साथ नीम करौली और अन्य स्थानों पर घूमने के लिए जाया करते थे। 38 वर्षीय मृतक विपिन सोनी पुत्र लखमी चंद निवासी लोनी के परिजनों ने बताया कि विपिन लकड़ी का काम करता था। उसके तीन बच्चों में दो पुत्री और एक पुत्र है। वह 6 भाईयों में सबसे छोटा था। उसकी पत्नी कोमल गृहणी है। तीनों बच्चों की आयु दस वर्ष से कम है। उन्हें अभी तक पता ही नहीं है कि उनके पिता के साथ इतना बड़ा हादसा हो गया है। पेशे से ड्राईवर 33 वर्षीय रोहित सैनी पुत्र रामकिशन सैनी की दो पुत्रियां है। एक पुत्री एक साल की और एक पुत्री तीन वर्षीय है। पत्नी मनीषा और माता शांतिदेवी से सोमवार की रात वह यह कहकर घर से निकला था कि दोस्तों के साथ नीम करौली बाबा के दर्शन करने के लिए जा रहा है और जल्दी ही घर वापस लौटेगा। किसी को इस बात का पता नहीं था कि वह घर वापस तो लौटेगा लेकिन इस दुनिया से अंतिम विदा लेने के लिए और सभी की आंखों में आंसू देने के लिए वापस लौटेगा। 31 वर्षीय अनूप लोनी के गोठरा गांव निवासी था। वह बागपत पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय में संविदा पर तैनात था। उसके परिवार में दो बहन, माता पिता, पत्नी, दो पुत्र, एक पुत्री और छोटा भाई अक्षय है। वह भी दोस्तों के साथ नीम करौली धाम के लिए निकला था।
—21 अप्रैल को किया था बहन का विवाह
32 वर्षीय तरूण जैन उर्फ निक्की जैन पुत्र अनिल जैन निवासी लोनी ने 21 अप्रैल को ही अपनी बहन का विवाह किया था। वह मार्बल का काम करता था। उसकी एक वर्ष की पुत्री है। परिवार में पत्नी और माता पिता के अलावा एक भाई है।
——–दो भाईयों में से एक हुआ हादसे का शिकार, एक गंभीर घायल
लोनी निवासी दो सगे भाई सचिन और संदीप भी कार में सवार होकर नीम करौली के लिए रवाना हुए थे। हादसे में संदीप की मौत हो गई जबकि सचिन गंभीर रूप से घायल हो गया। जिसे मेरठ के लिए रेफर किया गया है। 35 वर्षीय मृतक संदीप के तीन बच्चे हैं। वह गाड़ी धुलाई की डक पर काम करता था।
—-मां की सेवा के लिए पत्नी से दूर रहता था राजकुमार जैन
40 वर्षीय राजकुमार जैन पुत्र ओंकार लाल जैन मूल रूप से शाहदरा दिल्ली का रहने वाला था, लेकिन वह व्यापार के सिलसिले में लोनी में रहता था। उसकी पत्नी इनू जैन खतौली में रहती है जबकि राजकुमार अपनी वृद्ध माता की देखभाल के लिए लोनी में रहता था और सप्ताह में एक दो बार खतौली आना जाना करता रहता था। उसके परिवार में एक पुत्र और एक पुत्री अंशिका है। दोपहर को करीब एक बजे पोस्टमार्टम हाउस पहुंची उसकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था। अपने पति का शव देखकर वह अपनी सुध बुध खो बैठी। लोगों ने किसी तरह उसे संभाला।

पोस्टमार्टम हाउस पर सुबह से ही लग गया परिजनों का जमघट
दोपहर एक बजे शुरू किया गया मृतकों का पोस्टमार्टम
कागजी औपचारिकता पूरी करने में लग गया समय
फोटो संख्या 1 से 13
हापुड़, संवाददाता
गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र के दिल्ली लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग 9 पर सोमवार की देर रात हुई सड़क दुर्घटना में मारे गए 6 लोगों के शव लेने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पर सुबह से ही उनके परिजनों की भीड़ लगनी शुरू हो गई। हालांकि पुलिस की कागजी औपचारिकताओं को पूरा करने के चलते दोपहर एक बजे के बाद पोस्टमार्टम की कार्यवाही शुरू की गई। जिसके बाद शाम 6 बजे परिजनों को शव सौंपे गए।
गढ़मुक्तेश्वर में हुए सड़क हादसे में तरूण जैन उर्फ निक्की, राजकुमार जैन, संदीप जैन, अनूप सोनी, विपिन, रोहित सैनी की मौत हो गई थी। जिसके बाद पुलिस ने सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए हापुड़ स्थित पोस्टमार्टम हाउस भेजा था। सभी मृतकों के परिजनों को हादसे की सूचना दे दी गई थी जिसके बाद परिजन सुबह पांच बजे से ही दस्तोई रोड स्थित पोस्टमार्टम हाउस पर पहुंचने शुरू हो गए थे। सुबह दस बजे तक राजकुमार जैन के परिजनों के अतिरिक्त सभी मृतकों के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पर जमा हो गए थे। हालांकि पुलिस द्वारा चार शव और कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद कागज भेज दिए गए थे और अन्य दो मृतकों के शव और जरूरी कागजात दोपहर को एक बजे के आसपास पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जिसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू की गई। इस दौरान गर्मी में पोस्टमार्टम हाउस पर सुबह से इधर उधर भटक रहे शोकाकुल परिजन और ज्यादा परेशान नजर आए। शाम 6 बजे के बाद परिजनों को उनके अपने के शव सौंपे गए। जिसके बाद परिजन रोते बिलखते हुए शवों को लेकर चले गए।
—परिजनों का कुछ देर को छूट गया धैर्य
गर्मी में सुबह से पोस्टमार्टम हाउस पर इंतजार कर रहे मृतकों के परिजनों का घैर्य दोपहर होते होते छूटने लगा। इस दौरान उनकी पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात चिकित्सक और कर्मचारियों से बहसबाजी हो गई। परिजनों का कहना था कि भूखे प्यासे सुबह से वे शवों को ले जाने के लिए पोस्टमार्टम हाउस पर हैं, लेकिन शव उन्हें सौंपना तो दूर की बात है शवों को देखने तक नहीं दिया जा रहा है।
—–सिर पर चोट लगने के चलते हुई मौत
पोस्टमार्टम हाउस पर तैनात कर्मचारियों ने बताया कि सड़क हादसे के शिकार सभी के सिर पर गंभीर चोट नजर आ रही हैं। हालांकि मौत का स्पष्ट कारण पोस्टमार्टम की रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चलेगा।

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