बच्चों के लिए अभिशाप है बाल श्रम
हापुड़। अच्छेजा स्थित एटीएमएस कॉलेज में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर ” बच्चों के लिए अभिशाप है बाल श्रम ” विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया । पॉलिटेक्निक के कोऑर्डिनेटर इंजीनियर विद्युत भद्रा ने कहा कि बाल श्रम बच्चों से उनका बचपन छीन लेता है जिस आयु में बच्चों के हाथों में किताब होनी चाहिए उस समय वे भार ढोते हैं । इस कारण उनका भविष्य अंधकार में डूब जाता है कार्यकारी निदेशक डॉ राकेश अग्रवाल ने कहा कि बच्चों से बचपन छिने, कैसा है अभिशाप । श्रम करते दिन रैन हैं, मिटे नहीं संताप ।। सोहन पाल सिंह ने बाल श्रम को बच्चों पर अन्याय करने वाला बताया । से
स्वीटी , पवन, संदीप ने कहा की होटलों और भावों पर बच्चों का शारीरिक मानसिक और आर्थिक शोषण किया जाता है सोहन वीर रावत, पूजा गौतम , पारुल शर्मा, नीतू , प्राची चौधरी, शिवम ने बाल श्रमिकों को बंधुआ मजदूरों जैसा शोषित बताया । कम दाम और अधिक काम की स्थिति में बाल मजदूरों को कठिन जीवन बिताना पड़ता है उन्हें सुनहरे सपने देखने का अधिकार नहीं होता है अभावों में जीना उनकी मजबूरी होती है । ना रोटी ना कपड़ा ना पढ़ना ना मकान यही उनकी नियति होती है चेयरमैन नरेंद्र अग्रवाल सचिव रजत अग्रवाल , फार्मेसी के प्राचार्य डॉ अरुण कुमार बीएड के प्राचार्य डॉक्टर सत्यवीर ने बाल श्रमिकों की मुक्ति को बच्चों के उद्धार के लिए आवश्यक बताया। इस दिशा में सबको प्रयास करने चाहिए हर्षिता जेवा सुजैन ने बाल श्रम रोकने के लिए पोस्टर बनाए। तरुण, आदित्य, दीपक ,अंकुश, साहिल और संदीप ने बाल श्रमिकों की मुक्ति के लिए कार्य करने का संकल्प लिया उन्होंने मांग की कि जिले में बाल गृह होना चाहिए ताकि मुक्त कराए गए बच्चों को वहां रखा जा सके।
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