प्रतिभा सम्मान समारोह व विराट कवि सम्मेलन का हुआ आयोजन, किया सम्मानित
हापुड़। इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ग्रुप ऑफ एजुकेशन एंड मैनेजमेंट एवं अखिल भारतीय साहित्यालोक के संयुक्त तत्वावधान में यहां जरोठी रोड स्थित कॉलेज में प्रतिभा सम्मान समारोह एवं विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
भाषण प्रतियोगिता में राखी एवं सनी त्यागी संयुक्त रूप से प्रथम हिमानी नागर द्वितीय सलोनी वर्मा तृतीय करण सैनी,निशा सैनी एवं साक्षी चौधरी को सांत्वना पुरस्कार मिला।
मुख्य अतिथिअखिल भारतीय साहित्यालोक के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा सुबोध गर्ग ने कहा कि संस्था का उद्देश्य प्रतियोगिताओं के माध्यम से छिपी प्रतिभाओं को सामने लाना है। आज का युग प्रतिस्पर्धा का युग है हमें आगे बढऩे के लिए अथक परिश्रम की आवश्यकता है।
कवि सम्मेलन की अध्यक्षता डा विपिन गुप्ता ने की एवं मंच का संचालन प्रख्यात कवि डा अनिल बाजपेई ने किया।
बहजोई से पधारे कवि सौराभकांत शर्मा ने पढ़ा,राष्ट्र बढ़ा सारे ही धर्मों को छोडक़र।
आओ करें प्रणाम सभी हाथ जोड़ कर।
मंच का संचालन करते हुए डा अनिल बाजपेई ने पढ़ा,मां ऋचा है वेद की, मां मंत्रों का जाप,अनिल ईश का रूप वो,ऐसा तेज प्रताप मां शब्द इतना बड़ा।
धौलाना से पधारे ओज के कवि राजकुमार सिसोदिया ने पढ़ा चुनावों से पहले नेता जोड़ते हैं हाथ देखो,
पूजते है पांव और वोट मांगते हैं वो।
मेरठ से पधारी कवयित्री डा शुभम त्यागी ने पढ़ा,तरक्की हूँ मैं दुनियाँ की हमें बेकार न समझो ।
हमें अपने गले में चाँदनी का हार न समझो ।
दिल्ली से पधारे कवि शैल भदावरी ने पढ़ा आसमां से कूद जाती लोट जाती झील में।
आजकल मटका रही है नित जवानी रील में।
प्रबंध पदाधिकारी डा विकास अग्रवाल ने संदेश के माध्यम से कहा कविता आत्म और पर के द्वेष के पर को ध्वस्त करती है।
इंद्रप्रस्थ कॉलेज के डायरेक्टर डा विपिन गुप्ता ने कहा कवि समाज के मार्गदर्शक हैं। समाज की विसंगतियों को वे अपनी कविता में व्यंग्य के माध्यम से व्यक्त कर दर्पण का कार्य करते हैं।
दीपक बाबू ने संदेश के माध्यम से कहा भाषण प्रतियोगिता युवाओं सार्वजनिक रूप से अपनी प्रस्तुति , कौशल एवं बोलने की शैली को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है। संस्थान निदेशक डा सतीराम सिंह ने कहा महापुरुषों का वंदन एवं बहुआयामी काव्य व्यक्तित्व के विकास में सहायक है ऐसी प्रतियोगिताएं छात्रों को संबल प्रदान करती हैं।
कार्यवाहक प्राचार्य भारती गुप्ता ने कहा कविता समाज नहीं व्यक्ति लिखता है।फिर भी कविता एक सामाजिक कर्म है।
इस अवसर पर डी एल एड विभागाध्यक्ष लोकेश कुमार,अवधेश त्यागी,पिंकी सिंह संजीव भारद्वाज,निधि सिंह प्रीति गुप्ता,दिव्य चौधरी,अंशू शर्मा,मिथिलेश अंजू चौधरी,अनुज भारद्वाज,उमेश शर्मा,कार्यवाहक प्राचार्य राजवीर कुमार,ऋषिपाल जैनर,रोजी रानी,पूनम त्यागी,सलोनी,रखी तोमर,मंगल सैन गुप्ता,संदीप वर्मा उपस्थित थे।