पानी पीने का सही तरीका और सही समय क्या है, जानें
शरीर के लिए पानी पीना कितना जरूरी है ये तो हम सभी जानते हैं, इसलिए ज्यादातर डॉक्टर और हेल्थ एक्सपर्ट्स रोजाना 5-6 गिलास पानी पीने की सलाह देते हैं. हालांकि आपके शरीर को कितने पानी की जरूरत यह इस बात पर निर्भर करता है आपकी उम्र कितनी है, आप किस वातावरण में रहते हैं, मौसम कैसा है और आप कितनी फिजिकल एक्टिविटी करते हैं. बावजूद इसके रोजाना कम से कम 4 गिलास पानी तो औसतन सभी के लिए जरूरी है. लेकिन जिस तरह भोजन करने का एक सही तरीका होता है कि हमेशा बैठकर खाना चाहिए, आराम से चबा-चबाकर खाना चाहिए, उसी तरह क्या पानी के भी कुछ नियम होते हैं? पानी कब पीना चाहिए, किस तरह से पीना चाहिए, कैसा पानी पीना चाहिए?
आयुर्वेद में बताए गए हैं पानी पीने के जरूरी नियम
आयुर्वेद (Ayurveda) में इन सभी सवालों के जवाब मौजूद हैं. आयुर्वेद की मानें तो आप किस तरह से पानी पीते हैं इसका आपकी सेहत पर असर पड़ता है. जिन लोगों को कब्ज (Constipation) की समस्या हो, स्किन ड्राई (Skin Dry) हो उन्हें ज्यादा पानी पीना चाहिए. आयुर्वेद में पानी पीने का सही तरीका और समय समय दोनों बताया गया है.
क्या है पानी पीने का सही तरीका?
– आयुर्वेद की मानें तो कभी भी खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए. पानी हमेशा बैठकर आराम से रिलैक्स होकर पीना चाहिए (Sit and drink Water). खड़े होकर पानी पीने से पानी हड्डियों के जोड़ में जमा हो सकता है जिससे आर्थराइटिस का खतरा रहता है.
– एक ही बार में 1 गिलास पानी पूरा पीने की बजाए आपको एक एक घूंट करके आराम से धीरे-धीरे पानी पीना चाहिए (Sip-Sip water). इसका कारण ये है कि एक बार में ज्यादा पानी पी लेने से शरीर उसे अवशोषित नहीं कर पाता और ज्यादातर पानी तुरंत शरीर से बाहर निकल जाता है.
– हमेशा रूम टेंपरेचर पर रखा हुआ सादा पानी ही पिएं. आप चाहें तो हल्का गुनगुना पानी पी सकते हैं लेकिन बर्फ वाला बहुत अधिक ठंडा पानी बिलकुल न पिएं.
क्या है पानी पीने का सही समय?
– भोजन करने के बाद 1-2 घूंट पानी पिएं, ज्यादा नहीं. अगर आप खाना खाने के तुरंत बाद बहुत अधिक पानी पिएंगे तो पाचन क्रिया के लिए पेट में जगह ही नहीं होगी. हमेशा याद रखें कि अपने पेट को 50 प्रतिशत भोजन से भरें, 25 प्रतिशत पानी से और 25 प्रतिशत खाली जगह रखें.
– आजकल बहुत से लोग पानी पीने के लिए फोन में अलार्म लगाकर रखते हैं और हर 1-2 घंटे में पानी पीते रहते हैं. लेकिन आयुर्वेद कहता है कि जब आपको प्यास लगे, जब पानी की जरूरत महसूस हो सिर्फ तभी पानी पिएं. प्यास लगने का मतलब है कि शरीर को पानी की जरूरत है.
– आयुर्वेद का सुझाव है कि सुबह उठते के साथ खाली पेट पानी पीने की आदत डालें. इसे ऊषापान कहते हैं. ऐसा करने से शरीर से हानिकारक टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं जिससे बीमारियों से बचने में मदद मिलती है.
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