पत्रकार समाज और देश में हो रहे परिवर्तन और घटनाओं के साक्षी होते हैं – ऋषि कुमार शर्मा,किया सम्मानित
हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
शिक्षा के प्रसार के लिए कार्य कर रही मेवाड़ संस्था वसुंधरा गाज़ियाबाद द्वारा महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के उपलक्ष्य में 18वां पत्रकार सम्मान समारोह गत 23 दिसंबर 2022 को कालेज परिसार में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर देश के सुप्रसिद्ध पत्रकार कवि साहित्यकार ” विजय किशोर मानव” को उनकी साहित्य साधना और पत्रकारिता कर्म के लिए “पत्रकार भूषण सम्मान” से सम्मानित किया गया साथ ही “पत्रकार गौरव सम्मान” से “आजतक” चैनल के पत्रकार पंकज शर्मा को “न्यूज़ इंडिया चैनल” के पत्रकार जतिन गोस्वामी को, “दैनिक जागरण” के जनाब हसीन शाह को और फोटो पत्रकारिता के लिए “द नेशनल रफ़्तार” के नरेश कुमार को नकद राशि, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह और शॉल देकर सम्मानित किया गया। मालवीय जी के जीवन पर कॉलेज के छात्रों नें मालवीय जी के जीवन पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए हिंदी अकादमी के उपसचिव ऋषि कुमार शर्मा नें कहा “पत्रकार, समाज और देश में हो रहे परिवर्तन और घटनाओं के साक्षी होते हैं वे घटनाओं का सही विश्लेषण करके जनता के समक्ष रखते हैं यह एक बहादुरी का काम है इस कार्य में खतरे भी हैं और सम्मान भी है। सम्मानित कवि, पत्रकार और साहित्यकार विजय किशोर मानव ने कहा “पत्रकारिता मिशन है इसे व्यवसाय की तरह ना देखें। श्री मानव नें अपने 50 वर्षों के पत्रकारिता के अपने अनुभवों का साझा किया और कहा मेवाड़ संस्थान नें हमेशा ही पत्रकारों, साहित्यकारों और समाज सेवकों का समान किया है।”
कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में मेवाड़ संस्था के चैयरमेन अशोक कुमार गदिया नें मालवीय के चिंतन,महान विचारों और दूरदृष्टि से छात्रों को अवगत कराया साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में उनके प्रयासों एक महान कार्य बताया जिससे प्रेरणा लेकर मेवाड़ इंस्टिट्यूट आगे बढ रहा है।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें देश के जाने-माने कवियों ने भाग लिया और कार्यक्रम का संचालन सुप्रसिद्ध कवि डॉo चेतन आनंद ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में कवयित्री डॉ ज्योति उपाध्याय ने सरस्वती वंदना के साथ अपना काव्य पाठ करते हुए व्यवहार के खूबी को लक्षित किया
“समय की बंदिशों का मैं सदा सम्मान करती हूँ
समय पे काम जो आए उसी का मान करती हूँ
यही पहचान है मेरी यही है सादगी दिल की
किसी का भूल से भी मैं नही अपमान करती हूँ”
वीररस के युवा कवि स्वदेश यादव नें तिरंगे के सम्मान में कविता पढ़ी
“भले ही रंग मस्ती का घुला हर बात में होगा,
जवानी की खुमारी का नशा भी साथ में होगा।
मगर जब बात होगी देशहित कुछ कर दिखाने की,
कफ़न सर पर,वतन दिल में,तिरंगा हाथ में होगा।।” कार्यक्रम के संयोजक और संचालक डॉ. चेतन आनंद नें अपनी आशावादी कविता से सबको सम्मोहित कर दिया-
किसी के साथ रहना तो ख़यालों की तरह रहना।
मुझे अच्छा नहीं लगता सवालों की तरह रहना।
मेरी माँ ने मुझे बचपन से अब तक ये सिखाया है,
अँधेरी रात के दिल में उजालों की तरह रहना।
हापुड़ से आये कवि डॉ. अनिल वाजपेयी नें हिंदी के सम्मान में कविता प्रस्तुत की-
“मैं हिंदी हूं
भारत की आन, बान, शान हूं!
गहराइयों का सागर हूं!
ऊंचाइयों का आसमान हूं!
मेरे बच्चो मेरी उपेक्षा मत करो!
मैं केवल हिंदी भाषा ही नहीं हूं!
पूरा हिंदुस्तान हूं!”
सुप्रसिद्ध हास्य कवि श्री सुनहरी लाल “तुरंत”
नें अपने कविता “हमें ठन्डे पानी से नहाना पड़ेगा” और हंसी के मुक्तको से सब के मन में गुदगुदी पैदा कर दी और सब हंसी से लोट पोट हो गए। संस्था की निदेशक डॉ अलका अग्रवाल के भी काव्यपाठ कर मन्त्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि ऋषि कुमार शर्मा और संस्था के चेयरमैन डॉ. अशोक कुमार गदिया नें सभी कवियों को प्रतीक चिन्ह और शाल भेंट कर सम्मानित किया। और सभी अतिथिओं, दर्शकों और कवियों का धन्यवाद ज्ञापित किया
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