पंचमहाभूतो का अनुभव एवं उनके गुण धर्म का परिचय करवाकर बच्चों को किया जागरूक,वितरित किए गिफ्ट
हापुड़ (अमित अग्रवाल मुन्ना)।
इनरव्हील क्लब हापुड़ ग्रेटर के तत्वावधान में ब्रहमा देवी स्कूल में पंचमहाभूतो का अनुभव एवं उनके गुण धर्म का परिचय करवाकर बच्चों को जागरूक कर गिफ्ट वितरित किए।
क्लब की अध्यक्ष रेनू अग्रवाल ने कहा कि एक पेड़ आसमान में ऊंचा होता है लेकिन अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलता। अपने बच्चों को भी जड़ से जोड़े रखने के लिए, आईडब्ल्यूसी हापुड़ में हम समर्थ भारत जैसे संगठनों की मदद से सांस्कृतिक लोकाचार को जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं।
छात्रों ने “पंचमहाभूतो का अनुभव एवं उनके गुण धर्म का परिचय” पर एक वार्ता सुनी और उन्हें आईडब्ल्यूसी हापुड़ ग्रेटर द्वारा उपहार दिए गए।
उन्होंने कहा कि पञ्चभूत (पंचतत्व या पंचमहाभूत) भारतीय दर्शन में सभी पदार्थों के मूल माने गए हैं। आकाश , वायु , अग्नि , जल तथा पृथ्वी – ये पंचमहाभूत माने गए हैं जिनसे सृष्टि का प्रत्येक पदार्थ बना है। लेकिन इनसे बने पदार्थ जड़ (यानि निर्जीव) होते हैं, सजीव बनने के लिए इनको आत्मा चाहिए। आत्मा को वैदिक साहित्य में पुरुष कहा जाता है। सांख्य शास्त्र में प्रकृति इन्ही पंचभूतों से बनी मानी गई है।
उन्होंने बताया कि योगशास्त्र में अन्नमय शरीर भी इन्हीं से बना है। प्राचीन ग्रीक में भी इनमें से चार तत्वों का उल्लेख मिलता है – आकाश (ईथर) को छोड़कर।यूनान के अरस्तू और फ़ारस के रसज्ञ जाबिर इब्न हय्यान इसके प्रमुख पंथी माने जाते हैं। हिंदू विचारधारा के समान यूनानी, जापानी तथा बौद्ध मतों में भी पंचतत्व को महत्वपूर्ण एवं गूढ अर्थोंवाला माना गया है।