हापुड़। हापुड़ को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट कोर्ट ने नाबालिग से कुकर्म करने के एक दोषी को सोमवार को सजा सुनाई। न्यायाधीश ने मामले के आरोपी को दोषी को मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही दोषी पर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
विशेष लोक अभियोजक हरेंद्र त्यागी ने बताया कि हापुड़ कोतवाली क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने थाने में सहरीर दी थी। जिसमें उसने कहा कि यह परिवार के साथ एक किराये के मकान में रहता है। तीन मार्च 2016 को उसका साढ़े छह वर्षीय नाबालिग पुत्र घर पर स्कूल का कार्य कर रहा था। तभी घर पर कस्था बाचूगढ़ छावनी निवासी विशाल पुत्र अनिल कुमार राठौर आया और उसने उसके नाबालिग पुत्र के साथ कुकर्म की घटना को
जाम दिया।
पुलिस ने आरोपी विशाल के निल पॉक्सो, कुकर्म सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जिसके पुलिस ने तीस मई 2016 को मले के आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। मामले की सुनवाई अपर जिला एवं विशेष न्यायाधीश पकिनों एक्ट कोर्ट में चल रही थी। जहां
पर उनके द्वारा अभियोजन पक्ष की तरफ से कई गवाह व साक्ष्य न्यायालय में प्रस्तुत किए। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश उमाकांत जिंदल ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को मामले में निर्णय सुनाया। जिसमें न्यायाधीश उमाकांत जिदल ने आरोपी विशाल को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दोषी पर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी।