दिवाली तक विशेष सतर्कता की जरूरत : सीएमओ,
साफ और ठहरे हुए पानी में पनपता है डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर
हापुड़ । डेंगू से बचाव के लिए हर शख्स का जागरूक होना जरूरी है। अगर घर में या घर के आसपास पानी भरा हुआ है, तो यह डेंगू बुखार के लिए आमंत्रण है। आजकल का मौसम भी डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर के अनुकूल है। मौसम ठंडा होने पर मच्छर होने लगेंगे, लिहाजा दिवाली तक विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है। घर में मच्छररोधी स्प्रे आदि करते रहें। बच्चों को पूर कपड़े पहनाकर रखें। खेलने भेजें तो हाथ-पैरों पर मच्छररोधी क्रीम लगा दें। रात में सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। डेंगू और मलेरिया जैसे वैक्टर जनित रोगों से बचाव के लिए मंगलवार से दस्तक अभियान शुरू होगा। एक नवंबर तक चलने वाले इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही नगर निकाय और दूसरे विभागों की टीम घर-घर जाकर लोगों को बचाव के प्रति जागरूक करेंगी। यह बातें सोमवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रेखा शर्मा ने कहीं।
सीएमओ ने बताया डेंगू मच्छर संक्रमित एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। केवल दो फुट की ऊंचाई तक उड़ पाने वाला यह मच्छर साफ पानी में पनपता है। गंदे या चलते पानी में एडीज मच्छर अंडे नहीं देती। ध्यान रहे कि इसके लिए थोड़ा सा (एक चम्मच) पानी भी पर्याप्त होता है, एडीज मच्छर केवल दिन में ही काटता है। इसलिए घर के अंदर भी पूरे कपड़े पहनकर रखें और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कूलर के अलावा एसी और फ्रिज की ट्रे में भी एडीज मच्छर अंडे दे देती हैं, इसलिए फ्रिज की ट्रे को भी नियमित रूप से साफ करते रहें। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाएं और चिकित्सक से परामर्श लें। खुद दुकान से दवा खरीदकर न खाएं।
सीएमओ ने बताया डेंगू होने की स्थिति में तेज बुखार आता है, लेकिन शुरुआत में ही जांच कराने पर डेंगू की पुष्टि नहीं होती। बुखार आने के तीन दिन बाद ही डेंगू की जांच कराएं। उन्होंने बताया निजी चिकित्सकों को निर्देश दिए गए हैं कि निजी लैब की जांच में डेंगू की पुष्टि होने पर सरकारी लैब में जरूर जांच कराएं। इसके साथ ही जिस क्षेत्र में डेंगू की पुष्टि होती है उस क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य शिविर लगाकर दवा भी वितरित कर रहा है ताकि संबंधित क्षेत्र कंटनेमेंट में न बदलने पाए।
सीएमओ ने सचेत किया है कि प्लेटलेट्स कम होने पर तब तक मरीज को प्लेटलेंट्स चढ़ाने की जरूरत नहीं होती जब तक ब्लीडिंग न होने लगे। शरीर पर चकत्ते पड़ने पर तत्काल चिकित्सक से संपर्क करें। उन्होंने बताया दस्तक अभियान में स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर बुखार, आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइक इलनेस) सारी (सीवियर एक्यूट रेस्पेरेटरी इंफेक्शन), टीबी और कुपोषण पीड़ितों को चिन्हित करेंगी और उन्हें तत्काल उपचार उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगी।
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