जैन धर्म के सबसे बड़े संत आचार्य श्री 108विद्यासागर जी महाराज को जैन समाज ने अर्पित की श्रद्धांजलि
हापुड़। 1008आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मे सोमवार को आचार्य श्री 108विधासागर जी महाराज को श्रद्धांजली देने के लिए एक श्रद्धांजली सभा का आयोजन हुआ।
जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन ने कहा कि आचार्य विधासागर जी महाराज को सच्ची श्रद्धांजली यह है कि उनकी शिक्षाओं को जीवन मे अपनाकर उनके अधूरे कार्यों को पूरा करे,वो एक महान विभूति थे और पूरे समाज के लिए उन्होंने योगदान दिया।
जैन मिलन के अध्यक्ष पंकज जैन ने कहा की आचार्य जी का जीवन तप,त्याग का जीता जागता उदाहरण है,
जैन मिलन के उपाध्यक्ष सुरेश ने कहा कि आचार्य विधासागर जी महाराज की रचना ‘ मूकमाटी ‘ अनूठा ग्रन्थ है जो मनुष्य को युगो युगो तक प्रेरणा देता रहेगा,।
जैन समाज की प्रवक्ता तुषार जैन ने बताया की उनका जीवन बहुत ही सरल रहा है जीवन के आखिरी क्षण तक शक्कर,नमक,हरी सब्जियां, मिर्च मसाले और अंग्रेजी दवाइयां इन सभी का त्याग करके उन्होंने रखा था ।
महिला जैन समाज की अध्यक्षा रेणुका जैन ने कहा कि आचार्य जी का जीवन तथा उनकी दिनचर्या जैन तीर्थकरों के समान थी। संरक्षक सुधीर जैन तथा इंजीनियर सतीश कुमार जैन, विकास जैन,अनिल जैन ने भी उनके जीवन के प्रेरणादायक प्रसंग बताये। जैन समाज के महामंत्री अशोक जैन, कोषाध्यक्ष सुखमाल जैन, उपाध्यक्ष पुलकित जैन, अनिल जैन (क्राकरी वाले) स्नेहलता जैन,सोनू जैन,गरिमा जैन,वंदना जैन, प्रेरणा जैन,प्रतिभा जैन सहित उपस्थित भक्तों ने श्रद्धांपूर्वक उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजली अर्पित की।