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जनपद में 20 महिलाओं ने अपनाई आईयूसीडी, चार ने अंतरा-सीएमओ


हापुड़।
परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए जनपद में नियत सेवा दिवस (एफडीएस) का आयोजन किया जाता है। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को जनपद के सभी चारों ब्लॉकों के एक-एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) पर इंट्रा यूटेराइन कॉन्ट्रासेप्टिव डिवाइस (आईयूसीडी) के लिए विशेष नियत सेवा दिवस का आयोजन किया।
कुल 20 इच्छुक लाथार्थियों को आईयूसीडी निवेशन की सुविधा उपलब्ध कराई गई। साथ ही धौलाना और सिंभावली ब्लॉक में दो- दो महिलाओं ने तिमाही गर्भनिरोधक इंजेक्शन अंतरा भी अपनाया। सीएमओ डा. सुनील कुमार त्यागी ने बताया कि आईयूसीडी परिवार नियोजन का एक सुरक्षित, भरोसेमंद और दीर्घकालिक अस्थाई साधन है। जब चाहें तब प्रशिक्षित चिकित्सक से आईयूसीडी निकलवाकर गर्भधारण भी किया गया जा सकता है। एसीएमओ डा. प्रवीण शर्मा ने बताया कि बृहस्पतिवार को धौलाना ब्लॉक की समाना, गढ़़मुक्तेश्वर ब्लॉक की दोतई, हापुड़ ब्लॉक की अल्लीपुर और सिंभावली ब्लॉक की मुदाफरा पीएचसी पर आईयूसीडी के लिए नियत सेवा दिवस का आयोजन किया गया। समाना पीएचसी पर छह, अल्लीपुर पीएचसी पर नौ और मुदाफरा पीएचसी पर पांच महिलाओं ने स्वेच्छा से आईयूसीडी अपनाई। इसके साथ ही समाना और मुदाफरा पीएचसी पर दो-दो महिलाओं ने “अंतरा” अपनाया। डीपीएम सतीश कुमार ने बताया कि आईयूसीडी यानि अंतर्गर्भाशयी गर्भनिरोधक उपकरण प्लास्टिक और तांबे से बना एक टी-आकार का प्रत्यारोपण है। यह शुक्राणु को अंडे तक पहुंचने से रोकता है, जिससे निषेचन रुक जाता है और गर्भ नहीं ठहर पाता। यह विधि दो बच्चों के बीच सुरक्षित अंतर के लिए अपनाई जाती है।

-आपातकालीन गर्भनिरोधक भी है आईयूसीडी
आईयूसीडी का प्रयोग आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में भी किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक आपातकालीन गर्भनिरोधक के रूप में तांबे युक्त आईयूसीडी संभोग के पांच दिन में लगाई जानी चाहिए। हालांकि संभोग के बाद जितनी जल्दी इसका उपयोग किया जाता है, यह उतनी ज्यादा प्रभावी होती है।

Radhey Krishna Caters
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