छह डिग्री पहुंचा तापमान, सांस और दिल के मरीजों की बड़ी दिक्कतें
छह दिन की सर्दी में हृदयघात के नए मरीज बढ़े
- चिकित्सकों ने दी सुबह की सैर न करने की सलाह
- बुजुर्गों के साथ युवाओं का साथ छोड़ रहा हृदय
हापुड़। छह दिन की सर्दी में दिल और सांस के पुराने रोगियों में 50 फीसदी से ज्यादा की हालत गंभीर हो गई है। तापमान भी लगातार छह डिग्री दर्ज किया गया। ऐसे में हृदय के नए मरीजों की भी संख्या बढ़ने लगी है। वहीं सरकारी अस्पतालोमें सुविधाएं नहीं मिलने से मरीजों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
कॉडियोलॉजिस्ट डॉ0 गौरव मित्तल ने बताया कि दिल और सांस रोगियों के लिए कोई भी सर्द मौसम सुरक्षित नहीं रहता है। उनके यहां उपचार पा रहे करीब 12 मरीजों में अधिकांश की सर्दियां बढ़ते ही हालत बिगड़ने लगी है। जिन्हें आवश्यक दवाओं के साथ-साथ बचाव के टिप्स दिए जा रहे हैं। कई मरीजों को भर्ती करना पड़ा है। इन छह दिन की सर्दी में करीब पांच मरीजों की मौत भी हुई है।
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उन्होंने बताया कि यह मौसम सुबह की सैर करने का नहीं है, हवा की रफ्तार कम होने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा हुआ है। खासकर हृदय और सांस के रोगी इस मौसम में घरों के अंदर ही रहें, नियमित रूप से दवाएं लेते रहें। ऐसे मरीज अधिक पानी का सेवन करें, फल खाएं, मानसिक तनाव कतई न लें, रात की पूरी नींद लें। इसके अलावा अन्य निजी अस्पतालों में भी दस से अधिक मौतें हृदय घात से हुई हैं।
कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ0 हरिओम सिंह के अनुसार सर्दियों में बीपी की समस्या बढ़ती है, पूरे दिन के मुकाबले सुबह के समय यह समस्या गंभीर होती है। सर्दियों में लोग शारीरिक व्यायाम आदि कम कर देते हैं, जबकि खाना अधिक खाते हैं। यह मधुमेह का बड़ा कारण बन रहा है। ऐसे मरीजों को भी दिल की बीमारी जल्द पकड़ती है। जिसमें गलत सप्लीमेंट लेने वाले भी इसकी जद में हैं। खान पान का बड़ा असर पड़ रहा है। सर्दियों के मौसम में दिल के रोग बढ़ रहे हैं। बीपी की समस्याएं होने पर दवाएं नियमित लें, इसमें अनदेखी करने वाले ही गंभीर स्थिति में पहुंचते हैं।
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