हापुड़। (ehapuruday.com) भारतवर्ष में हर वर्ष 16 मार्च को राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस मनाया जाता है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. रेखा शर्मा ने बताया कि इस दिन मुंह से पोलियो के टीके की पहली खुराक दी गई थी। इस दिवस का आयोजन टीकाकरण (प्रतिरक्षण) के महत्व के बारे में आमजन को जागरूक करने के लिए किया जाता है। यह बड़ी अच्छी बात है कि राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस उस समय आया है जब पूरे देश में कोविड टीकाकरण पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि कोविड टीकाकरण के तीसरे चरण में 60 से अधिक आयु वाले बुजुर्गों और 45 वर्ष से अधिक आयु वाले किसी गंभीर बीमार से ग्रस्त लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है।
टीकाकरण की बात करें तो हमारे देश में सबसे बड़ा और सफल टीकाकरण कार्यक्रम पोलियो को लेकर ही रहा। पांच वर्ष तक के सभी बच्चों को पोलियो वैक्सीन के दो बूंद पिलाई गई और उसी का नतीजा यह हुआ कि 2014 में देश को पोलियो मुक्त घोषित कर दिया गया। सीएमओ बताती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम पोलियो से प्रतिरक्षण के प्रति लापरवाह हो जाएं। जब भी पोलियो अभियान चलाया जाता है, पांच वर्ष से कम आयु वाले सभी बच्चों को “दो बूंद जिंदगी की” अवश्य पिलाएं। इसी प्रकार लोगों को कोविड वैक्सीन के लिए भी अपनी बारी पर पूरे उत्साह से आगे आने की जरूरत है।
सीएमओ ने बताया कि कोविड वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। अभी शासन के निर्देश पर तीसरे चरण में बुजुर्गों और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इस श्रेणी में आने वाले सभी लोग अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र पर पहुंचकर कोविड का टीका अवश्य लगाएं। इस बार के राष्ट्रीय टीकाकरण दिवस की यही सबसे बड़ी महत्ता होगी। उन्होंने कहा कि बुधवार और शनिवार को होने वाले ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) पर बच्चों का नियमित टीकाकरण कराएं।
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