गोल्डन कार्ड विहीन परिवारों के कार्ड बनाने के लिए 26 जुलाई से 12 अगस्त तक चलाया गया अभियान
हापुड। जनपद में 26 जुलाई से 12 अगस्त तक आयुष्मान भारत योजना पखवाड़े के दौरान कार्ड विहीन लाभार्थियों के आयुष्मान कार्ड (गोल्डन कार्ड) बनाए गए। आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी एसीएमओ दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया शासन ने पहले पखवाड़े का आयोजन नौ अगस्त तक करने के आदेश दिए थे, लेकिन बाद में इसे बढाकर 12 अगस्त तक कर दिया। इस दौरान आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य अभियान के अंतर्गत आयुष्मान कार्ड विहीन परिवारों के निशुल्क आयुष्मान कार्ड बनाए गए।
डॉ. प्रेमी ने बताया – अभियान के तहत लक्षित परिवारों को योजना के प्रति जागरूक करते हुए आयुष्मान कार्ड कैम्प तक लाने एवं अधिकतम पात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनवाने के हरसंभव प्रयास किए गए। इस अभियान में ऐसे परिवारों को लक्षित किया गया, जिन परिवारों के एक भी सदस्य का गोल्डन कार्ड नहीं बना है। बता दें कि योजना से संबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में हर साल पांच लाख तक का निशुल्क उपचार प्राप्त करने के लिए लाभार्थी परिवार के हर सदस्य का आयुष्मान कार्ड होना जरूरी है। कार्ड बनवाने के लिए सभी चारों ब्लाक में सार्वजिनिक स्थलों जैसे- पंचायत भवन, हेल्थ एंड वेलनेस सेन्टर, आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक विद्यालय आदि पर कैप लगाए गए। इसके अलावा जनपद के सभी जन सुविधा केंद्रों पर भी निशुल्क कार्ड बनाए जा रहे हैं।
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डा. मारूफ चौधरी ने बताया योजना के अंतर्गत अब तक जनपद में 73886 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। जनपद में 49013 लाभार्थी परिवार हैं। अब तक 4321 लाभार्थी उपचार का लाभ उठा चुके हैं। जनपद में इस योजना से संबद्ध तीन सरकारी और छह निजी चिकित्सालय हैं। उन्होंने बताया सरकार की ओर से आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए ली जाने वाली 30 रुपए की फीस को खत्म कर दिया गया है। अब किसी लाभार्थी को कार्ड बनवाने के लिए फीस नहीं देनी होती। कार्ड बनवाने के लिये लाभार्थी का आधार कार्ड ,राशन कार्ड, परिवार पंजिका की नकल व प्रधानमंत्री का पत्र होना अनिवार्य है। सिर्फ 2011 की आर्थिक जनगणना के अनुसार चयनित पात्रों के ही आयुष्मान कार्ड बनाये जाते हैं।
जाफरी के घुटने का हुआ ऑपरेशन :
आयुष्मान भारत योजना के नोडल अधिकारी डा. दिनेश प्रेमी ने बताया धौलाना ब्लॉक के निघावली गांव निवासी अफसर की पत्नी जाफरी घुटने में दर्द से लंबे समय से परेशान थी। जाफरी आयुष्मान भारत योजना की लाभार्थी है। वह सरस्वती मेडिकल कॉलेज में आयुष्मान कार्ड के जरिए भर्ती हुई जहां हड्डी रोग विशेषज्ञों ने पांट अगस्त को जाफर के घुटने का सफल ऑपरेशन किया। जाफरी को ऑपरेशन के लिए एक भी पैसे का भुगतान नहीं करना पड़ा।
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